Friday, 19 April, 2024

रंगोली आर्ट की तरह है मैथेमेटिक्स

53वीं नेशनल मैथ्स कांफ्रेंस में मैथ्स प्रॉब्लम सॉल्विंग टेक्निक पर पढे़ पेपर्स

न्यूजवेव कोटा

एसोसिएशन ऑफ मैथेमेटिक्स टीचर्स ऑफ इंडिया (एएमटीआई) चैन्नई की तीन दिवसीय 53वीं नेशनल मैथ्स कांफ्रेंस में दूसरे दिन 27 दिसंबर को गणितज्ञों, टीचर्स व स्टूडेंट्स ने रिसर्च पेपर पढ़े।

पहले सत्र में राजस्थान, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश के 13 स्टूडेंट्स ने मैथ्स प्रॉब्लम व साल्यूशन पर पेपर प्रजेन्टेशन प्रस्तुत किए। फिर जाने-माने गणितज्ञों एवं मैथ्स टीचर्स ने अपने शोधपत्र प्रस्तुत किए।

Prof. Dilip

पैनल चर्चा में नासिक कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर के लेक्चरर प्रो.दिलीप गोटखंडीकर ने कहा कि हमारे वेदों में गणितीय सूत्र हैं। अर्थववेद व यजुर्वेद में इंजीनियरिंग मैथ्स बहुत काम में ली गई। वैदिक मैथ्स तेजी से प्रॉब्लम सॉल्व करने में आज भी प्रासंगिक हो गई है।

डॉ.एस.आर.संथानम ने ज्योमिट्री की जटिलताओं को सहज ढंग से समझाया। उन्होंने मैथेमेटिक्स ओलम्पियाड देने वाले विद्यार्थियों से कहा कि मैथ्स को समझने से पहले समस्याएं पहचानें। इसके बाद प्रेक्टिस के जरिए उनको हल करें। राजस्थान यूनिवर्सिटी, जयपुर के प्रोफेसर डॉ.अनिल शर्मा ने फ्लूड मैकेनिक्स पर व्याख्यान दिया।

प्रॉब्लम को एनालिसिस करें

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मैथ्स कांफ्रेंस में बेंगलुरू की टीचर वीना एम.आर ने कहा कि स्टूडेंट मैथ्स प्रॉब्लम को समझने के लिए इंटर रिलेशनशिप, रूट कॉज एनालिसिस व फिश बोन डायग्राम जैसे तरीके अपनाएं। ये सभी तरीके जहां से समस्या शुरू हो रही है, वहां ले जाते हैं। गणित में प्रॉब्लम को पहचानने के साथ ही लर्निंग शुरू हो जाती है, जिससे स्टूडेंट स्वयं प्रेक्टिस करके समाधान तक पहुंच जाता है।

मैथ्स के डायग्राम में है आर्ट्स 

बैंगलुरू की टीचर एस.जयप्रिया ने बताया कि हर आर्ट में मैथ्स है। हम रंगोली बनाते हैं तो उसमें भी एंगल, कर्व और अंकों की मैथेमेटिक्स होती है। यदि मैथ्स के डायग्राम में आर्ट्स की नजर से देखें तो समझना आसान है। आर्ट और मैथ्स का इंटीग्रेशन ही स्टूडेंट को मैथ्स से जोड़ता है।

मैथ्स पढ़ाने का तरीका बदलें

Vashali

जामनगर गुजरात की टीचर वैशाली लखानी ने बताया कि हम केवल पढ़ाने का तरीका बदल लें तो विद्यार्थी के लिए मैथ्स फन बन जाती है। उन्होंने कक्षा-10 के विद्यार्थियों को सर्किल समझाने के लिए एक विशेष मैथड तैयार किया। जैसे ही कुछ स्टूडेंट्स पर इस तकनीक को अपनाया और अन्य से तुलना की तो पता चला कि नए तरीके से मैथ्स जल्दी समझ में आ गई। 

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