Wednesday, 24 April, 2024

इंटरनेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया का वर्चुअल शुभारंभ

पूजा
न्यूजवेव @ नई दिल्ली
इंटरनेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (ISFFI-2020) का उद्घाटन मंगलवार को स्वास्थ्य एवं विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ.हर्षवर्धन ने वर्चुअल ऑनलाइन किया। ISFFI  इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल (IISF) का प्रमुख अंग है, जिसका उद्घाटन 22 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस बार छठा इंटरनेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (ISFFI) 22 से 25 दिसंबर तक चलेगा। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भारत प्रतिभावान फिल्मकारों और विज्ञान में रुचि रखने वाले उत्साही युवाओं का घर है। ISFFI के जरिये हम ऐसे जागरूक लोगों को वैज्ञानिक चेतना कार्य से जोड़ना चाहते हैं।
IISF प्रतिवर्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) तथा विज्ञान भारती द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है। इस बार विज्ञान महोत्स का समन्वय सीएसआईआर कर रहा है। इसकी नोडल संस्था CSIR-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, टेक्नोलॉजी एंड डेवलपमेंट स्टडीज (NISTADS) है। वहीं, IISF के अभिन्न अंग – इंटरनेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (ISFFI-2020) का समन्वय DST की स्वायत्त संस्था विज्ञान प्रसार द्वारा किया जा रहा है।
60 देशो से 623 फिल्में मिलीं


विज्ञान प्रसार के निदेशक डॉ नकुल पाराशर ने बताया कि इस फिल्म फेस्टिवल का निरंतर विस्तार हुआ है। इस वर्ष 60 देशों की 623 फिल्म प्रविष्टियां मिली हैं, जो कीर्तिमान है। ISFFI के मुख्य संयोजक और विज्ञान प्रसार के वरिष्ठ वैज्ञानिक निमिष कपूर ने बताया कि दुनिया से मिली फिल्म प्रविष्टियों में से 32 देशों की 209 फिल्मों को आयोजन में शामिल किया गया है। इन फिल्मों में विज्ञान वृत्तचित्र, लघु फिल्में और एनिमेशन वीडियो शामिल हैं। निमिष कपूर ने बताया कि भारत के अलावा, स्विट्जरलैंड, इजराइल, चिली, फ्रांस, बेल्जियम, आस्ट्रिया, अफगानिस्तान, ईरान, चीन, स्पेन, तुर्की, नीदरलैंड, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, ताइवान जैसे विभिन्न देशों की फिल्में इस आयोजन में शामिल की जा रही हैं।
विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री जयंत सहस्रबुद्धे ने कहा कि विज्ञान को आम आदमी की पहुंच में लाने के लिये बड़ी परिकल्पना की गई थी, जो विज्ञान फिल्मों के माध्यम से साकार हो रही है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण पैदा करना फिल्मों के जरिये बेहतर ढंग से संभव हो सकता है।
इस अवसर पर मशहूर फिल्ममेकर, पर्यावरणविद् और इंटरनेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (ISFFI-2020) के निर्णायक मंडल प्रमुख माइक पांडेय, दूरदर्शन की पूर्व एडीजी ऊषा भसीन, फिल्म्स डिविजन के पूर्व एडीजी डॉ मुकेश शर्मा और विशेष रूप से आमंत्रित लंदन की पब्लिक हेल्थ फिल्म सोसायटी के अध्यक्ष डॉ उई होआंग ने विज्ञान फिल्मों से जुड़े विविध आयामों को रेखांकित किया।

ये हैं सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार 
इसमें सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार 1 लाख रुपये नकद, ट्रॉफी व प्रमाणपत्र प्रदान किये जाते हैं। इसके अलावा, इस श्रेणी में दो जूरी पुरस्कार भी दिए जाते हैं, जिसमें 50,000 रुपये नकद, ट्रॉफी एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाता है। इस साइंस फिल्म फेस्टिवल की तीसरी प्रतियोगी श्रेणी कॉलेज या स्कूल के स्टूडेंट्स के लिए है। इस श्रेणी में भी उपरोक्त दोनों विषयों के अंतर्गत सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार के रूप में 75,000 रुपये नकद, ट्रॉफी एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाता है। जबकि, जूरी पुरस्कार के रूप में 35,000 रुपये नकद, ट्रॉफी एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाता है। फिल्म फेस्टिवल की गैर-प्रतियोगी श्रेणी में भारत सहित 23 देशों से 75 प्रविष्टियां मिली हैं।
विज्ञान फिल्मों की संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से फिल्म फेस्टिवल के दौरान स्विट्जरलैंड, इजराइल, नीदरलैंड, जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, ताइवान समेत अन्य देशों के प्रसिद्ध विज्ञान फिल्मकारों के साथ विभिन्न आयामों पर पैनल चर्चा आयोजित की जा रही है। इसके अंतर्गत, वरिष्ठ विज्ञान फिल्मकारों द्वारा विज्ञान फिल्म निर्माण के रचनात्मक और तकनीकी पहलुओं पर विशेषज्ञ कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। फिल्म फेस्टिवल में शामिल फिल्मों को विज्ञान प्रसार के यूट्यूब चौनल और IISF के यूट्यूब  पर 22 से 25 दिसंबर 2020 तक प्रदर्शित किया जाएगा। (इंडिया साइंस वायर)

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