Tuesday, 16 April, 2024

एनटीए के एक निर्णय से 12वीं बोर्ड के लाखों विद्यार्थी मानसिक दबाव में

  • नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने 12वीं बोर्ड में 75 % की अनिवार्यता की घोषणा सत्र की शुरूआत में नही करके परीक्षा से ठीक पहले दिसंबर,2022 में की है।
  • 12वीं बोर्ड परीक्षा-2023 से एक माह पहले पात्रता का नियम लागू करने से हजारों विद्यार्थी मानसिक दबाव में
  • जेईई-मेन व एडवांस्ड में चयनित होने वाले विद्यार्थियेां पर आईआईटी या एनआईटी में प्रवेश के लिये बोर्ड के न्यूनतम अंकों की बाध्यता लागू
  • 12वीं बोर्ड में परीक्षा आवेदन की तिथी निकली, अब रिपीटर्स छात्रों को इम्प्रूवमेंट का कोई अवसर नहीं
  • जेईई-एडवांस में दो और जेईई-मेन में चार अवसर मिलते हैं, अंतिम अवसर वाले विद्यार्थी होंगे सबसे अधिक प्रभावित
  • कोटा में विद्यार्थियों ने लोकसभा अध्यक्ष को ज्ञापन देकर न्याय की मांग की, जेईई-मेन के जनवरी सत्र की तिथि आगे बढाने की मांग

न्यूजवेव @ कोटा
देश में सभी प्रमुख प्रवेश परीक्षायें आयोजित कराने वाले अधिकृत संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने दिसंबर,2022 में निर्णय लिया कि आईआईटी, एनआईटी, त्रिपल आईटी, जीएफटीआई संस्थानों में प्रवेश लेने के लिये 12वीं बोर्ड परीक्षा में सामान्य वर्ग के लिये 75 % एवं आरक्षित वर्ग के लिये 65% अंक होना अनिवार्य होंगे। पिछले दो वर्ष से यह बाध्यता लागू नहीं थी।
इस परेशानी को लेकर रेजोनेंस के विद्यार्थियों का प्रतिनिधिमंडल लोकसभा अध्यक्ष एवं कोटा-बूंदी के सांसद ओम बिरला से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने लोकसभा अध्यक्ष को बताया कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने ऐसे समय यह अनिवार्यता लागू की है जब 12वीं बोर्ड में परीक्षा आवेदन करने की तिथी निकल चुकी है। जिससे बोर्ड में इम्प्रूवमेंट करने वाले विद्यार्थियें को वर्ष पर्यंत परीक्षाओं की तैयारी करने के बाद भी संस्थानों में प्रवेश से वंचित रहना पड सकता है।

विद्यार्थियों पर दोहरा मानसिक दबाव
कोचिंग के विशेषज्ञों का कहना है कि यह बाध्यता लागू करने से उन विद्यार्थियों का भविष्य चौपट हो जायेगा, जो अंतिम बार प्रवेश परीक्षा जेईई-मेन या जेईई-एडवांस्ड]2023 देने वाले हैं। एनटीए को विद्यार्थियों के हित में सत्र की शुरूआत में ही ऐसे नियमों की घोषणा करनी चाहिये थी, चूंकि बोर्ड परीक्षायें अगले माह से शुरू हो जायेंगी, ऐसे में एनटीए ने पढाई के कीमती समय में मानसिक तनाव बढाने जैसा कार्य किया है। इस निर्णय से बच्चों का मनोबल टूट गया है। वे अचानक दोहरा मानसिक दबाव महसूस कर रहे हैं। विद्यार्थियों ने बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुये जेईई-मेन,2023 के जनवरी सत्र की परीक्षा तिथी को आगे बढाने की मांग की। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विद्यार्थियों की परेशानी को बहुत गंभीरता से सुना और समझा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आश्वासन दिया कि वे देश के विद्यार्थियों के हित के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंग। दिल्ली में संबंधित एजेंसियों एवं अधिकारियों से अतिशीघ्र विचार विमर्श कर विद्यार्थियों के हित में सही निर्णय लेने का आग्रह करेंगे।

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