Tuesday, 16 April, 2024

सीमा सुरक्षा बल के डीआईजी प्रभाकर जोशी को अब गुरदासपुर सेक्टर की कमान

अति संवेदनशील इलाके में सीमा सुरक्षा बल का नेतृत्व करेंगे कोटा के जांबाज अधिकारी प्रभाकर जोशी

न्यूजवेव @ कोटा

वीरों की धरती राजस्थान के जांबाज सपूत सीमा सुरक्षा बल केे उपमहानिरीक्षक प्रभाकर जोशी अब देश के अति संवेदनशील पंजाब के गुरदासपुर सेक्टर की कमान संभालेंगे। कोटा में आर.के.पुरम निवासी प्रभाकर जोशी कूचबिहार सेक्टर पश्चिम बंगाल में सुरक्षा बल उप महानिरीक्षक के पद पर तैनात किये गये हैं।
अब तक प्रभाकर जोशी ने गौ व मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ प्रभावी ढंग से कार्रवाई की है। उनकी साहसिक सेवाओं से प्रभावित होकर उन्हें भारत-पाक सीमा के अति संवेदनशील क्षेत्र गुरदासपुर की सरहदों पर सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। यह क्षेत्र पठानकोट में वायुसेना अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले के कारण अति संवेदनशील माना जाता है। हाल में ही बने पवित्र करतारपुर कॉरिडोर की सुरक्षा की बागडौर भी इन्हीं के अधीन होगी। आतंकवादियों द्वारा इस इलाके मंे ड्रोन द्वारा लगातार हथियार गिराने व ड्रग्स व आतंकवादी भेजने की करतूतें पाकिस्तान द्वारा की जाती रही है।

अदम्य साहस के धनी
कोटा में पले-बढे़ आर के पुरम निवासी प्रभाकर जोशी अब तक आन्तरिक सुरक्षा में विभिन्न पदों पर सेवायें दे चुके हैं। वे कश्मीर व असम में भी अपनी बहादुरी की छाप छोड चुके हैं। असम के बरपेटा जिले में एक मुठभेड़ में सात उल्फा उग्रवादियों को मार गिराने के बाद प्रभाकर जोशी को राष्ट्रपति द्वारा वीरता पदक से सम्मानित किया गया।


डीआईजी जोशी कश्मीर के लालचौक व बटमालू जैसे इलाके में 1993 से 1996 तक तैनात रहे। अल उमर तंजीम के सरगना अख्तर चाचा समेत कई आतंकवादी मारने व भारी मात्रा में हथियार पकड़ने में वे कामयाब रहे। इतना ही नहीं, प्रभाकर जोशी संयुक्त राष्ट्र संघ की शांति सेना में वर्ष 2000-2001 तक कोसोवो की राजधानी प्रीस्टिना में रहे। 2014 में इन्हें नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) में कार्य के लिए राष्ट्रपति पदक से नवाजा गया।
कोटा के वीर प्रभाकर जोशी एकमात्र ऐसे अधिकारी हैं जिनकी असम में आतंकवादियों के खिलाफ अदम्य कार्यकुशलता देखकर भारतीय सेना ने सेना मेडल के लिए नाम प्रेषित किया था किन्तु सीमा सुरक्षा बल सेना के अधीन नहीं थी। इसलिये उन्हें 1999 मंें आर्मी कमांडर उत्तरी कमांड का प्रशंसा पत्र भेंटकर सम्मानित किया गया। कूचबिहार में इनके नेतृत्व में वाहिनियों ने 10 हजार से ज्यादा मवेशियों का सीजर किया। करोड़ों रुपये के ड्रग्स, गांजा आदि नशीली पदार्थ पकडे। 1989 में अपनी प्रथम तैनाती पर एक घुसपैठ को विफल करते हुए इनके नेतृत्व में 10 घुसपैठियों को ढींडा सीमा पोस्ट पर मार गिराया था।

(Visited 612 times, 1 visits today)

Check Also

जेईई मेन अप्रैल-सेशन में पहले दिन एनटीए ने पकड़े नकल के 10 मामले

** एक केस में कैंडिडेट बदला हुआ था, वहीं 9 अनुचित साधनों के प्रयोग के …

error: Content is protected !!