न्यूजवेव, नई दिल्ली
देश के प्रमुख आईआईटी से हायरिंग करने के बाद पब्लिक सेक्टर की कम्पनियां अब आईआईएम एवं बड़े बिजनेस स्कूलों से टेलेंट चुन रही हैं। जहां प्लेसमेंट सीजन चल रहा है वहां इंडियन ऑइल, गेल, ओएनजीसी, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा और नेशनल हाउसिंग बैंक जैसे वित्तीय संस्थान अब आईआईएम और देश के बड़े बिजनेस स्कूलों का रुख कर रहे हैं।
वहां से वे मार्केंटिंग, फाइनेंस, ऑपॅरेशंस और सेल्स से जुड़े रिक्त पदों के लिए उंचे जॉब ऑफर दे रहे हैं। प्लेसमेंट सेल के विशेषज्ञों ने कहा कि कंपनियों के पैकेज प्राइवेट सेक्टर की फायनेंशियल सर्विसेज कंपनियों के समान हैं।
आईआईएम कोझिकोड के एक ग्रेजुएट ने बताया कि इस वर्ष हमने देखा कि गवर्नमेंट कंपनियों की ओर से ऑफर की जा रही ग्रोस सेलेरी आईआईएम में ऑफर किए जाने वाले औसत वेतन से बेहतर है।
आईआईएम के सूत्रों ने बताया कि कुछ सरकारी कंपनियां 21 लाख रुपये से ज्यादा सालाना पैकेज दे रहीं हैं। प्राइवेट सेक्टर के मुकाबले सरकारी क्षेत्र में नौकरियों में ज्यादा स्थायित्व भी है।
औसत सैलेरी 50 फीसदी बढ़ी
सरकारी कंपनियों ने आईआईएम कोझिकोड और आईआईएम बैंगलुरु के फाइनल ईयर स्टूडेंट्स को कम से कम 15 ऑफर दिए हैं। गत वर्ष दोनों संस्थानों में सरकारी कंपनियां नहीं पहुंची थीं। वहीं दिल्ली के फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (एफएसएस) में एवरेज सैलरी करीब 50 फीसदी बढ़ी है। वहीं, जमशेदपुर के एक्स एलआरआई में गत वर्ष के मुकाबले ऑफर्स की संख्या 50 फीसदी बढ़ गई और एवरेज सैलरी में 30 फीसदी बढ़ोतरी देखी गई।
आईआईएम इंदौर में कैंपस प्लेसमेंट के पहले कुछ दिनों में सरकारी कंपनियों की मौजूदगी से प्राइवेट सेक्टर को टेलेंट हायरिंग में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा। वहीं आईआईएम अहमदाबाद और आईआईएम कोलकाता में सरकारी कंपनियों के हायरिंग प्लान बनाने से पहले ही प्लेसमेंट प्रोसेस पूरा हो गया।
सरकारी कंपनियों ने वर्ष 2011 से आईआईटी और आईआईएम में प्लेसमेंट शुरू किया था। यह पहला साल है जब सरकारी कंपनयों ने देश के बड़े बिजनेस स्कूलों में व्यापक रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
आईआईएम बैंगलुरु की कॅरिअर डेवलपमेंट सर्विसेज की हेड सपना अग्रवाल ने कहा कि कैंपस हायरिंग से बैन हटने के बाद इस साल सरकारी कंपनियों ने गर्मजोशी दिखाई है। पिछले साल कैंपस में कोई भी सरकारी कंपनी हायरिंग के लिए नहीं आई थी।’ उन्होंने बताया कि सरकारी कंपनियां मोटी सेलेरी के साथ जॉब सिक्यॉरिटी भी देती हैं।
एफएमएस के प्लेसमेंट कन्वेनर ए वेंकटरमन ने कहा, ‘छात्रों के सरकारी कंपनियों की नौकरियों में दिलचस्पी लेने के पीछे एक बड़ा कारण यह है कि वहां उन्हें सेलेरी के साथ कई अतिरिक्त फायदे मिलते हैं।‘
पिछले साल इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन, एसबीआई और एसबीआई केपिटल मार्केट ने दिल्ली के एफएमस के छात्रों को 11 लाख रुपये एवरेज सैलरी ऑफर की थी। वहीं इस बार गेल, आईओसीएल, बैंक ऑफ बड़ौदा और एसबीआई लाइफ ने इसे बढ़ाकर 16 लाख रुपये सालाना कर दिया। इस साल गेल, एचपीसीएल और आईओसी ने एक्सएलआरआई में प्लेसमेंट प्रोसेस में हिस्सा लिया, वहीं उनके साथ पहली बार नेशनल हाउसिंग बैंक ने भी भागीदारी की।
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