हार्टवाइज सोसायटी सेव-ए-हार्ट कार्यक्रम : लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कोटा में किया AED का लोकार्पण
न्यूजवेव @ कोटा
हार्टवाइज सोसायटी ने आम नागरिकों को हार्ट अटैक से बचाव के लिये एक नया उपकरण लांच किया है। कोटा में रोड साइड पर हार्ट अटैक के मामलों में जीवन बचाने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर (AED) लगाने की शुरूआत की है। कोटा देश का ऐसा पहला शहर होगा जहां रोड साइड पर नागरिक स्वयं AED से मरीज को तुरंत CPR देकर उसकी जान बचा सकते हैं।

हार्टवाइज सोसायटी के सेव-ए-हार्ट कार्यक्रम के तहत 100वें CPR सेशन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सार्वजनिक स्थानों पर लगने वाली एईडी मशीनों का लोकार्पण किया। शहर के सार्वजनिक स्थानों पर जनता के उपयोग के लिए 5 जीवनरक्षक एईडी स्थापित किए जाएंगे। इस अवसर पर कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा, जिला कलक्टर पीयूष समारिया, सिटी एसपी तेजस्वनी गौतम उपस्थित रहे।
सोसायटी के संयोजक हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.साकेत गोयल ने कहा कि इन दिनों हृदयाघात के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। तुरंत प्रारंभिक उपचार नहीं मिल पाने से लोगों की अचानक मौतें हो रही है। ऐसे में सोसायटी हार्टअटैक से होने वाली मृत्युदर को कम करने के लिये “चेन ऑफ सर्वाइवल” अभियान चला रही है।
उन्होंने बताया कि सीने में अचानक तेज दर्द होने पर एम्बुलेंस पहुंचने से पहले आम नागरिक भी त्वरित प्रयास करके रोगी का जीवन बचा सकते हैं। इसके लिए सीपीआर सेशन में नागरिकों को जागरूक किया जाएगा। हार्टवाइज के ‘सेव ए हार्ट’ प्रोग्राम में 100 सीपीआर सेशन आयोजित कर 20 हजार शहरवासियों को CPR प्रशिक्षण दिया जा चुका है। लोकार्पण में टीम हार्टवाइज के डॉ.सुरभि गोयल, कमलदीप सिंह, तरुमित बेदी, अजय मित्तल, कपिल जैन, सुमित अग्रवाल, विनेश गुप्ता, निखिल जैन, अनीश बिरला, राहुल सेठी, दीपक मेहता, आशीष अरोड़ा, उमेश गोयल, हिमांशु अरोड़ा, रजत अजमेरा, प्रमोद मेवाड़ा आदि मौजूद रहे। जीवन रक्षकों को सम्मानित भी किया गया।
ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर (AED)
ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर (AED ) एक पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस हैं, जो जानलेवा कार्डियक एक्टिविटी जैसे अनियमित दिल की धड़कन और पल्स न होना आदि का पता लगाती हैं। यह बिजली के झटके से दिल को फिर से चालू कर सकता है। घटना के समय डॉक्टर न होने पर आम नागरिक भी इस उपकरण का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें आसान ऑडियो और विजुअल कमांड होते हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि कार्डियक अरेस्ट के 4 से 6 मिनट के अंदर जान बचाने वाले डिफिब्रिलेशन न देने की वजह से 95 प्रतिशत अचानक कार्डियक मौतें होती हैं। कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित व्यक्ति को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) और एईडी समय पर देने से जान बचाना आसान हो जाता है।
हार्ट को समर्पित है हार्टवाइज सोसायटी
कोटा में हार्टवाइज ग्रुप की स्थापना फरवरी,2015 में वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.साकेत गोयल ने की। उन्होने फेसबुक के माध्यम से हैल्थ अवेयरनेस की शुरूआत की। वर्तमान में इस सोसायटी से 25 हजार सदस्य जुड चुके हैं। सोसायटी द्वारा स्वास्थ्य जागरूकता व जीवन रक्षा के लिए Walk-O-Run, Save a Heart प्रोग्राम के तहत CPR सेशन, ओपन जिम, हार्ट अटैक जीवन रक्षक किट वितरण जैसी पहल की गई।
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