Monday, 15 September, 2025

ट्रम्प टैरिफ से भारतीय अर्थव्यवस्था पर होने वाले प्रभावों पर हुई राष्ट्रीय कार्यशाला

विशेषज्ञ पैनल चर्चा में उद्योग, व्यापार, ऑटोमोबाइल्स व शिक्षा संस्थानों के प्रतिनिधियों ने सरकार को वैकल्पिक रणनीति के दिये सुझाव
न्यूजवेव @ कोटा

ओम कोठारी इंस्टिट्यूट (OKIMR), सिटीजन काउंसिल फॉर हायर एजुकेशन एवं आईएसटीडी (ISTD) कोटा चेप्टर के संयुक्त तत्वावधान में ‘ट्रम्प टैरिफ के भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव एवं कूटनीतिक विकल्प’ पर इंस्टीट्यूट सभागार में एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की गई। मुख्य अतिथि कोटा विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. बी पी सारस्वत, मुख्य वक्ता जामिया मिलीया इस्लामिया विवि, दिल्ली के टूरिज्म एवं हॉस्पिटिलिटी मैनेजमेंट विभाग के हेड प्रो. निमित चौधरी, कार्यशाला संयोजक अर्थशास़्त्री डॉ. गोपाल सिंह, संस्थान निदेशक अमित सिंह राठौड़, आईएसटीडी की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिता चौहान आदि ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यशाला का शुभारंभ किया।
भारत ने आपदा में नये अवसर निकाले – प्रो.सारस्वत


विशेषज्ञ पैनल चर्चा में कोटा विवि के कुलगुरू प्रो. बीपी सारस्वत ने कहा कि भारत के हर क्षेत्र ने आपदा और चुनौतियों के समय नये अवसर निकालकर देश को ओर अधिक मजबूत किया है। ट्रम्प द्वारा भारत पर टैरिफ बढ़ाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कूटनीतिक कौशल का परिचय देते हुये अगले ही दिन से रूस, चीन, फ्रांस, जापान सहित कई देशों से वार्ता कर आयात-निर्यात नीति को नई दिशा दी है। आज का युवा भारत समृद्ध है जबकि यूरोप बूढ़ा होता जा रहा है। हमें आत्मनिर्भर भारत के लिये स्किल डेवलपमेंट, स्व रोजगार और स्टार्टअप पर तेजी से काम करना होगा। कोटा यूनिवर्सिटी में इस दिशा में कोर्सेस चालू किये गये हैं। भारतीय शिक्षित युवा रोजगार मांगने वाले नहीं, रोजगार देने वाले बने। जिससे विकसित भारत-2047 का सपना सच हो सके।
उठो, जागो, आगे बढ़ो – प्रो. चौधरी
मुख्य वक्ता वरिष्ठ शिक्षाविद प्रो. निमित चौधरी ने कहा कि बदलते वैश्विक दौर में हमें हॉलिस्टिक एप्रोच से कूटनीतिक विकल्प ढूंढने होंगे। ट्रम्प की नई टैरिफ से हमारे कृषि, डेयरी प्रॉडक्ट व टेक्सटाइल्स प्रभावित होंगे। उसका सामना करने के लिये कृषि को नई तकनीक से जोडकर कम कीमत पर अच्छे उत्पाद निर्यात करने होंगे। निर्यात बढाने के लिये हमारी प्रॉडक्ट बास्केट अच्छी हो। हम ऐसे प्रॉडक्ट बनायें जो अन्य देशों के लिये दुर्लभ हों। इसमें सप्लाई चेन की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। हमें विवेकानंद के मंत्र ‘उठो, जागो, आगे बढ़ो’ पर अमल करना होगा। आज दुनिया की 5 टॉप रैंकिंग यूनिवर्सिटी में अमेरिका की एक भी नहीं है। हमें अगले 20 वर्षों के लिये अन्य देशों की ओर देखना होगा।
वैकल्पिक उपायों पर अमल करे सरकार


पैनल चर्चा में एस.एस.आई.एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविंद राम मित्तल ने कहा कि भारत के पास लिथियम और यूरेनियम विकसित देशांे से अधिक है। हम सरसों के तेल के सबसे बडे उत्पादक हैं। दुनिया के 19 देशों से भारत के फ्री ट्रेड संबंध हैं। हम उच्च तकनीक अपनाकर अपने उत्पादों की कीमतें कम करें। भारत सरकार उद्यमियों से एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कार्पोरेशन (ECGC) शुल्क लेती है उसे अन्य देशों के लिये शून्य कर दे। लॉजिस्टिक में टैक्स बहुत अधिक है, उसके लिये कंटेनर्स की पूरी व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि भारतीय हर्ब पेस्टिसाइड के बिना तैयार हो रही है। इनको भारत से आयात करना अमेरिका की मजबूरी है। ऑटोमोबाइल्स में सेस को जीएसटी में बदलकर राहत दे सकते हैं। देश में पावर स्टोरेज बढ़ायें।
अर्थशास्त्री डॉ. गोपाल सिंह ने कहा कि ट्रम्प टैरिफ भारत पर आर्थिक आघात अवश्य है लेकिन यह निर्णय अमेरिका के लिये भी दुखद साबित हो रहा है। इससे वहां महंगाई दर, रोजगार, सप्लाई चेन सब ब्लॉक हो गया है। टैरिफ में बदलाव से भारत में रोजगार, वस्त्र आभूषण, लघु उद्योग, ऑटो पार्ट्स आदि प्रभावित होंगे। अमेरिका भारतीय आउटसोर्स पर अतिरिक्त टैरिफ लगा सकता है। लेकिन भारत सरकार ने जीएसटी रिफॉर्म से जीडीपी में गिरावट को संभाला है। हमारे स्वदेशी उत्पादों के उपभोग से गुणात्मक सुधार आ सकता है। भारत की वैश्विक साख सुरक्षित व सुदृढ़ है।
यह अवसाद नहीं,नया अवसर है
कोटा यूनिवर्सिटी में टूरिज्म विभाग की हेड डॉ. अनुकृति शर्मा ने कहा कि कोविड महामारी के बाद ट्रम्प टेरिफ ने भारतीयों के सोचने की रणनीति को बदल दिया है। यह अवसाद नहीं नया अवसर है। हमें सॉल्यूशन कीे ओर देखना है। टेरिफ बढाने पर भारतीय टेलेंट यूएसए जाना बंद कर देंगे। रूपये के अवमूल्यन से भारत में मेडिकल टूरिज्म कई गुना बढ़ सकता है।
ये हुये शामिल-
कार्यशाला में पैनल सदस्य लघु उद्योग काउंसिल के संस्थापक एलसी बाहेती, कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन एवं कपडा व्यापार संघ के अध्यक्ष गिरिराज न्याती, कोटा यूनिवर्सिटी में टूरिज्म विभाग की हेड डॉ.अनुकृति शर्मा, गवर्नमेंट कॉलेज कोटा के पूर्व प्राचार्य डॉ. अशोक गुप्ता, शिक्षाविद डॉ. एम एल गुप्ता, डायमंड एंड ज्वैलरी एसोसिएशन के ओम अग्रवाल, कोटा विवि के सोशल साइंस विभागाध्यक्ष डॉ. के.आर. चौधरी, संस्कार भाविप्, कोटा के क्षेत्रिय संयोजक किशन पाठक ने उपयोगी सुझाव दिये।  संस्थान के निदेशक अमित सिंह राठौड़ ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में विभिन्न संस्थानों से आये प्रिंसिपल व शिक्षाविदों को सम्मानित किया गया। संचालक प्रतीक गुप्ता ने किया। कार्यशाला में उद्योग, व्यापार, शिक्षा, ऑटोमोबाइल्स क्षेत्रों से विशेषज्ञ प्रतिनिधियों, शिक्षाविद, उद्यमियों एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया।

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