कोटा से स्कूली शिक्षा लेकर प्रौद्योगिकी में किया नवाचार, 6 G नेटवर्क से बनाई वैश्विक पहचान
न्यूजवेव @ नई दिल्ली
राजस्थान के युवा इंजीनियर हरगोविंद बंसल ने 5 G एवं 6G नेटवर्क में कई कंपनियों में काम करते हुये एक आविष्कारक के रूप में 200 से अधिक अंतरराष्ट्रीय पेटेंट दाखिल करने का कीर्तिमान बनाया है। इनमें से कई पेटेंट अमेरिका व अन्य देशों द्वारा स्वीकृत कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यावसायिक रूप से उपयोग में लिये जा रहे हैं।

राजस्थान बोर्ड की मेरिट सूची में शामिल होनहार छात्र हरगोविंद स्कूली जीवन में जेईई-एडवांस्ड परीक्षा में सफल नहीं हुये तो उन्होंने हार नहीं मानी। कोटा से स्कूली शिक्षा लेकर एक इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक किया। उसके बाद बिट्स पिलानी से मास्टर्स डिग्री प्राप्त की जिससे उन्हे यूएसए की अग्रणी कम्पनी में उंचे वार्षिक पैकेज पर जॉब मिला। जहां उन्होंने 4जी व 5 जी के बाद 6जी नेटवर्क पर निरंतर रिसर्च किया। बंसल ने क्वालकॉम, ब्रॉडकॉम, हयुघस, एरिसेंट एवं एसटी माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी प्रमुख मल्टीनेशनल कंपनियों में अमेरिका व चीन की टेक्नोलॉजी लैब में सेवायें दी। अमेरिकी कंपनी में वह 1.5 करोड वार्षिक पैकेज पर कार्य कर रहे थे।
उन्होंने प्रौद्योगिकी में भारत को विश्व का नेतृत्व करने के उद्देश्य से स्टार्टअप ‘हेनोइक्स’ (Hnnoix) प्रारंभ किया। उनकी टीम में भारतीय इंजीनियर, प्रमुख डॉक्टर व मेडिकल प्रोफेशनल्स भी हैं, जो उनके रिसर्च अनुभव से सीखते हुए कार्य कर रहे हैं।, वे शिक्षा मंत्रालय के तहत एआईसीटीई समिति के सदस्य भी रहे, जिसने 5 जी पाठ्यक्रम तैयार किया। वे सभी राज्यों के शिक्षित युवाओं को ग्लोबल इन्वेंटर बनने के लिये प्रेरित कर रहे हैं।
विश्वस्तरीय आविष्कारक बंसल ने सेटेलाइट कम्युनिकेशन, नेटवर्किंग, एआई तकनीक व 4 जी, 5 जी व 6 जी तकनीक में कई अनुसंधान किये। उनके रिसर्च पेटेंट में सेना के लिये एडवांस ड्रोन सिग्नल सिस्टम, हॉस्पिटल के आईसीयू बेड के लिये ऑटोमेटिक डू नॉट डिस्टर्ब रिमूवल सिस्टम विकसित किया जिसे रोगियों की मृत्यु दर कम करने के लिये बनाया है।
भारत 6-जी विजन की राह पर
बंसल ने बताया कि सेल्यूलर नेटवर्क में 6 जी टेक्नोलॉजी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित होगी। जिसकी फ्रीक्वेंसी गीगा हर्ट्ज से टेरा हर्ट्ज पर रहेगी जिससे कम्यूनिकेशन कई गुना तेज हो जायेगा। भारत के दूरसंचार विभाग ने ‘भारत 6G विजन’ रणनीति को सफल बनाने के लिये टेक्नोलॉजी इनोवेशन ग्रुप (टीआईजी- 6जी) बनाया है जो 2030 तक देश में वायरलैस 6जी तकनीक को पूर्ण रूप से विकसित करने में मदद करेगा। इसके पहले चरण में 2025 तक आइडिया व रिस्क पाथवे उपलब्ध कराना एवं कंसेप्ट की जांच करना शामिल है। दूसरे चरण में 2030 तक ग्लोबल पीयर समूह द्वारा बौद्धिक सम्पदा व टेस्ट बेड तैयार करके भारत को 6 जी प्रोजेक्ट्स में अग्रणी देश बनाना रहेगा।
भारत मानक अनिवार्य पेटेंट में अग्रणी बने
ग्लोबल स्टेंडर्ड एसेंशियल पेटेंट (SEP) इको सिस्टम की ताजा पॉलिसी रिपोर्ट के अनुसार, मानक अनिवार्य पेटेंट में भारत का योगदान नगण्य है जबकि अमेरिका व अन्य देश तकनीकी पेटेंट में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। हालांकि 6 जी पेटेंट दाखिल करने वाले शीर्ष 6 देशों में भारत भी है। 6 जी नेटवर्क पूरी तरह से नये उद्योगों का सृजन करेगा, जिससे मौजूदा उद्योग जगत में नई तकनीकी क्रांति आयेगी। ‘हेनोइक्स’ इंडिया भारत से 6 जी नेटवर्क को विश्व मंच पर लाने के लिये प्रतिबद्ध है। इस स्टार्टअप में भारत से वायरलैस 6 जी तकनीक विकसित कर प्रत्येक राज्य से प्रतिभाओं को इस क्षेत्र में नवाचार के लिये प्रेरित करना है। इसके लिये वे हर राज्य में जाकर निशुल्क कार्यशालायें ले रहे हैं।