सीपीयू द्वारा पेटेंट फाइलिंग पर आयोजित नेशनल ई-कॉन्फ्रेंस में देशभर के विशेषज्ञों ने दी अहम जानकारी
न्यूजवेव @ कोटा
कॅरिअर पॉइंट यूनिवर्सिटी, कोटा के स्कूल ऑफ फार्मेसी द्वारा पेटेंट फाइलिंग पर नेशनल ई-कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। जिसमे देश के प्रख्यात तकनीकी विशेषज्ञों ने उपयोगी जानकारी दी। यूनिवर्सिटी के कुलपति सुमेर सिंह ने ई-कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ करते हुये कहा कि आज हर क्षेत्र में अपनी खोज को सुरक्षित रखने के लिये पेटेंट कराना आवश्यक है। इस ई-कॉन्फ्रेंस से युवा यह पता लगा सकेंगे कि उनके द्वारा किये गये शोध का पेटेंट आवेदन कब, कैसे और कहां किया जाता है।
नईदिल्ली के जिउस आईपी एडवोकेट सुश्री दिव्या दुबे ने कहा कि खोज करने से पहले अनुसंधान प्रस्तावों का अवश्य समझें। उन्होने मौजूदा पेटेंट लिटरेचर के डेटा विश्लेषण पर जोर दिया जिससे पहले से स्टडी व प्रजेंटेशन किये गये समय, प्रयास और धन की बर्बादी न हो। उन्होंने खोज इंजन पर रिसर्च एक्सपर्ट की कार्यप्रणाली को ट्यूटोरियल से समझाया।
एक्सेलोन आईपी के संस्थापक व पेटेंट एडवोकेट संजय कुमार पटेल ने इंडस्ट्री के लिए केस स्टडी के साथ बिजनेस में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट (आईपीआर) की महत्ता को समझाया। उन्होंने आईपीआर पंजीयन के लिए सरकार द्वारा उपलब्ध वित्तीय सहायता की जानकारी भी दी।
चीन में 4.20 लाख पेटेंट जबकि भारत में सिर्फ 12,387
एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा के फार्मेसी विभाग से प्रो. अमरीश चंद्र इस बात पर जोर दिया कि चीन में जहां 4,20,144 पेटेंट दिए गए, वहीं भारत में 12,387 पेटेंट दिए गए हैं। हमारे देश के शिक्षित युवाओं को आगे आकर अपने आविष्कार की रक्षा करने की आवश्यकता है। राष्ट्र निर्माण में मदद करने का सबसे अच्छा सशक्त हथियार है।
पंजीकृत पेटेंट एजेंट व एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा के प्रोफेसर डॉ. रमनप्रीत वालिया ने बताया कि आईपीआर फाइल कब व क्यों करें? आईपीआर कैसे दर्ज करें? और आईपीआर के लिए क्या फाइल करें?‘‘
उन्होने कहा कि आपके पास कोई विचार है, तो नवाचार को ध्यान में रखते हुए आपको पेटेंट आवेदन दाखिल करके इसे सुरक्षित करना होगा। उन्होने फाइलिंग से लेकर ग्रांट ऑफ पेटेंट तक की प्रक्रिया को समझाया। विभिन्न आईपीआर जैसे पेटेंट ट्रेडमार्क, ट्रेड सीक्रेट्स, भौगोलिक संकेत, औद्योगिक डिजाइन, अर्ध-कंडक्टर आईसी के लेआउट डिजाइन, और पौधों की किस्मों और किसान के अधिकारों के बारे में उपयोगी जानकारी दी।
चेन्नई से टेक्नो आइपी कंसल्टेंट डॉ. विजिता ने एक पेटेंट आवेदन के अभियोजन के बारे में दिलचस्प और महत्वपूर्ण तकनीकी-कानूनी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बहुत से शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं को भले ही पेटेंट फाइलिंग की जानकारी हो वे फाइलिंग के बाद अनुदान के बारे में भी अपडेट रहें।