Saturday, 20 December, 2025

चम्बल सफारी से मिली कोटा पर्यटन को नई रोशनी

देश के विभिन्न शहरों से नेत्र प्रशिक्षण के लिये कोटा आये विशेषज्ञों ने कहा, चम्बल किनारे चट्टानों में छिपा है प्राकृतिक सौंदर्य का खजाना
न्यूजवेव@ कोटा 

देश के विभिन्न शहरों से कोटा में नेत्र प्रशिक्षण के लिये आये नेत्र विशेषज्ञ शनिवार को चम्बल सफारी करते हुये दोनो छोर पर चट्टानों से टकराती लहरों के साथ प्राकृतिक सौंदर्य के दुर्लभ नजारे देख अभिभूत हो उठे।
सुवि नेत्र चिकित्सालय, कोटा के चिकित्सक और रेटिना फेलो ने ऑपरेशन थिएटर, स्लिट लैम्प और लेजर की तकनीकी दुनिया से बाहर निकलकर सदानीरा चम्बल नदी में बोटिंग कर प्रकृति को नजदीक से देखने की जिज्ञासा जताई। इस पर वरिष्ठ नेत्र सर्जन एवं सुवि नेत्र अस्पताल निदेशक डॉ. सुरेश पाण्डेय, रेटिना विशेषज्ञ डॉ. निपुण बागरेचा, श्रीमती खुशबू जैन, नेत्र विशेषज्ञ डॉ. डिंपल भाकुनी (बरेली) तथा रेटिना फेलोज डॉ. ऐश्वर्या पार्थसारथी (मुम्बई), डॉ. प्रेरणा जगदाआने (पुणे) और डॉ. अपर्णा घोटके (नासिक) के दल ने एक नाव पर रोमांचक चम्बल सफारी की।
बरेली की नेत्र विशेषज्ञ डॉ. डिंपल भाकुनी ने कहा कि एक आँख के रेटिना विशेषज्ञ का कार्य भी चंबल सफारी जैसा होता है। धैर्य, सूक्ष्म निरीक्षण और गहन समझ जलतरंगों के निरंतर आवेग से मिलती है। नेत्र चिकित्सक डॉ. पाण्डेय ने कहा कि चम्बल की लहरें एक स्वस्थ रेटिना की तरह है, जो बिना किसी अवरोध के प्रकाश को ग्रहण कर मस्तिष्क तक स्पष्ट संकेत पहुँचाती है।
प्रकृति को सहेजती है चम्बल की लहरें


रेटिना चिकित्सक डॉ. निपुण बागेरचा ने बताया कि जलधारा पर उड़ते पंछी और दूर पेड़ों पर बैठे गिद्ध प्रकृति के संतुलन को दर्शाते हैं। रेटिना आँख में ऐसा ही संतुलन केंद्र है, जहाँ प्रकाश, रक्त प्रवाह और तंत्रिकाएँ अत्यंत सूक्ष्म संतुलन से कार्य करती हैं। मुंबई की रेटिना फेलो डॉ. ऐश्वर्या पार्थसारथी का मानना है कि चंबल का इकोसिस्टम बहुत नाजुक है। थोड़ा सा प्रदूषण उसकी क्षमता को प्रभावित कर सकता है, वैसे ही रेटिना भी मधुमेह, उच्च रक्तचाप और उम्र से जुड़ी बीमारियों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होती है। डायबिटिक रेटिनोपैथी और मैक्युलर डिजनरेशन उसी तरह धीरे-धीरे दृष्टि को क्षीण करते हैं, जैसे नदी में बढ़ता प्रदूषण उसके अस्तित्व को प्रभावित करता है।
पुणे की रेटिना विशेषज्ञ डॉ. प्रेरणा जगदाआने और नासिक की डॉ. अपर्णा घोटके ने बताया कि जैसे एक सफल रेटिना उपचार के बाद रोगी की दुनिया में नया उजाला आ जाता है, वैसे ही चम्बल सफारी ने डॉक्टर्स में नई ऊर्जा, नई दृष्टि और प्रकृति से नये लगाव को जागृत कर दिया। उन्होंने कहा कि कोटा में खूबसूरत चम्बल नदी की लहरों पर तैरती सैलानियों की नावें भविष्य में यहां पर्यटन का नया अध्याय रच सकती है।

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