Tuesday, 30 December, 2025

कोटा के ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट से उड़ानें 2027 में शुरू होंगी

लोकसभा अध्यक्ष एवं कोटा-बूंदी सांसद ओम बिरला ने कहा, नववर्ष में नये संकल्प के साथ पूरे होंगे कई बडे़ विकास कार्य
न्यूजवेव @ कोटा

लोकसभा अध्यक्ष एवं कोटा-बूंदी सांसद ओम बिरला ने कहा कि वर्ष 2027 में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट से हवाईसेवा प्रारंभ करने के लिये तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। मंगलवार को एक स्नेहमिलन में उन्होंने पत्रकारों से कहा कि रेलवे और सड़क कनेक्टिविटी के बाद कोटा की सबसे बड़ी मांग है- हवाईसेवा। इसके लिये केंद्र सरकार ने 1507 करोड़ के बजट को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। जिससे यहां एयरपोर्ट निर्माण एवं पायलट प्रशिक्षण केंद्र के लिये दो टेंडर जारी किये जा चुके हैं। इस बारे में हवाई सेवा कंपनियों से अच्छा रेस्पांस मिल रहा है। एयरपोर्ट अथारिटी की टीम कोटा से दिल्ली, मुंबई, इंदौर व जयपुर के लिये सर्वे कर रही है। उन्होंने कहा कि कोटा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट पर पायलट प्रशिक्षण केंद्र भी खोला जायेगा, जिससे देश में पायलटों की कमी दूर हो सकेगी।
शैक्षणिक व धार्मिक टूरिज्म बढेगा-
उन्होंने कहा कि कोटा एयरपोर्ट चालू होने के बाद कोटा में शैक्षणिक, धार्मिक व मेडिकल टूरिज्म के नये द्वार खुलेंगे। यहां त्रिपल आईटी में एआई आधारित नये कोर्सेस प्रारंभ होने से आईटी हब में कंसलटेंसी कंपनियों का आगमन होगा। देश में धार्मिक टूरिज्म सर्वाधिक है। इसे देखते हुये प्रथम पीठ मथुराधीश मंदिर कोरिडोर का कार्य प्रारंभ कर दिया है। केशवरायपाटन के सूर्य मंदिर को विकसित करने के लिये 40 करोड़ का बजट मंजूर किया है। रामगढ़ में बीजासन माताजी मंदिर को विकसित करने से धार्मिक टूरिज्म बढे़ेगा।
पर्यटकों को चम्बल सफारी के लिये आकर्षित करने हेतु 5 जून को एक बैठक में घड़ियाल सेचुरी के मुद्दे पर चर्चा होगी। जिससे रात्रि मंे चम्बल क्रूज प्रारंभ किया जा सके। चंबल में बोटिंग की दरें 50 फीसदी कम की जायेंगी। बूंदी में विदेशी सैलानियों को देखते हुये इस वर्ष 300 करोड़ के बजट से बूंदी पर्यटन का रोड मेप तैयार किया गया है। वहां के सभी दर्शनीय स्थलों को विकसित किया जायेगा।
कोटा का पर्यटन नगरी बनाने के लिये शहर के सभी प्रवेश द्वार एवं सडक मार्ग को सुगम बनाया जायेगा। किशोर सागर तालाब को दर्शनीय बनाने के लिये 80 करोड रू के विकास कार्य होंगे। चम्बल गार्डन एवं भीतरिया कुंड उद्यान पर 72 करोड़ के विकास कार्य किये जायेंगे। कोटा में 25 करोड की लागत से दिव्यांग पार्क, वैदिक पार्क एवं संविधान पार्क बनाये जायेंगे। शहर में 200 करोड की लागत से नया कोर्ट परिसर बनाया जायेगा।
नये साल में दोनों रेलवे स्टेशन आधुनिक होंगे-
बिरला ने कहा कि कोटा जंक्शन एवं न्यू कोटा रेलवे स्टेशनों के विस्तार एवं आधुनिकीकरण के कार्य दिसंबर,2024 तक पूर्ण करना था लेकिन नियमित ट्रेनों के संचालन से इस कार्य में देरी हुई है। नये वर्ष में मार्च तक कोटा जंक्शन एवं जून तक न्यू कोटा रेलवे स्टेशन के विकास कार्य पूरे की योजना है। कोटा में अधिकांश ट्रेनों का ठहराव हो, इसके लिये रेल मंत्री से आग्रह किया है।
सड़क मार्ग पर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे से कोटा का सीधा जुडाव रहेगा। कोरिडोर का कार्य मार्च, 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। लबान से कोटा तक फोर लेन सड़क बनेगी। पर्यटकों को रणथम्बोर सेंचूरी से कोटा पहुंचने में मात्र एक घंटा लगेगा। यहां के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में नये बाघों की संख्या बढाई जायेगी। साथ ही, रामगढ़ सेंचूरी को भी विकसित किया जायेगां।
जल व जंगल से जुडे़ विकास कार्यों पर बिरला ने कहा कि नेशनल एक्सप्रेस-वे का कर्व चेचट के पास बनने से कई नये विकास कार्य होंगे। दरा की नाल पर यातायात की समस्या दूर करने के लिये एनएएचआई अप्रैल तक रेलवे लाइन के नीचे 4 मौखे तैयार कर भारी वाहनों के आवागमन को सुगम बनायेगा।
नये एग्रो उद्योग लगेंगे-
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोटा-बूंदी मार्ग पर तालेडा एग्रो हब बन चुका है। वहां 10 उद्यमी नये एग्रो उद्योग लगाना चाहते है। फरवरी,26 में नई टेक्नोलॉजी पर आधारित एग्रो टेक मेला आयोजित होगा, जिसमंें नये उद्यमी भाग लेंगे। इसमें क्षेत्र में सोयाबीन की घटती पैदावार के विकल्पों पर चर्चा की जायेगी। 5 जनवरी को एक बैठक में एशिया की सबसे बडी भामाशाह मंडी को विकसित करने पर बातचीत होगी।
हर घर शुद्ध पानी मिलेगा –
प्रधानमंत्री की शहरी पेयजल योजना के तहत 395 करोड़ के बजट से कोटा-बूंदी-बारां जिले के हर घर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा। परवन योजना एवं नौनेरा बांध परियोजना से कोटा के 384 गावों एवं बूंदी जिले के 365 गांवों को शुद्ध पेयजल मिलने लगेगा। दोनों जिलों के 86 प्राचीन तालाबों को विकसित करने के लिये 90 करोड़ का बजट मंजूर किया गया है।
दादी-नानी के लिये डिजिटल स्कूल
उन्होंने बताया कि गणेश पुरा व अन्य गांव में दादी-नानी के लिये डिजिटल स्कूल खोले जायेंगे, जहां निरक्षर बुजुर्ग महिलाओं को साक्षर करके 100 प्रतिशत साक्षर जिला बनाया जायेगा। नये वर्ष में कोटा को नशा मुक्त बनाने के लिये विशेष अभियान चालू किया जायेगा।

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