न्यूजवेव @ कोटा
तलवंडी स्थित श्री सांवलिया सेठ पावन धाम में चल रही संगीतमय श्रीमद भागवत कथा में गुरुवार को आचार्य कैलाश चन्द तेहरिया ने कहा कि नवदा भक्ति में ज्ञान, विज्ञान और मनोविज्ञान तीनो का मिश्रण है। जब हम भावपूर्ण भक्ति करते हैं तो मन, बुद्धि व चित्त स्थिर हो जाते हैं और केवल प्रभू से प्रीति हो जाती है। प्रभू की शरण मे जाकर शांत भाव से दर्शन करने मात्र से आपके सारे मनोविकार दूर हो जाते हैं। दवाई के बिना आप अपनी पीड़ा स्वतः भूल जाते हैं। नवदा भक्ति में यही शक्ति है।
सबको साथ लेकर चले
उन्होंने करदम-देहुति, कपिल जन्म व अनुसुइया चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि श्रीकृष्ण से प्रेरणा लेकर गृहस्थ जीवन मे सबको साथ लेकर चलें। सुख-दुख धूप-छांव की तरह है, इनसे रिश्तों की डोर को कमजोर नही होने दें। जिस घर मे नारी का सम्मान होता है, वहां लक्ष्मी का वास रहता है। लेकिन जिस घर मे नारी का अपमान हो, वहां से लक्ष्मी भी प्रस्थान कर जाती है। पांडाल में शिव-पार्वती विवाह प्रसंग के दौरान श्रद्धालु मधुर भजनों पर नृत्य करते रहे। आचार्य तेहरिया ने ध्रुव चरित्र व प्रह्लाद चरित्र से बच्चों को शिक्षा व संस्कार लेने की सीख दी। अंत मे रिमझिम बरसात के बीच भागवत पुराण की महाआरती हुई।