Thursday, 12 December, 2024

रूद्राक्ष अपहरण हत्याकांड के आरोपी अंकुर पाडिया को सजा-ए-मौत

न्यूजवेव @ कोटा

एससी-एसटी अत्याचार निवारण न्यायालय के विशिष्ट न्यायाधीश गिरीश अग्रवाल ने बुधवार को कोटा में बहुचर्चित रूद्राक्ष अपहरण हत्याकांड में मुख्य आरोपी अंकुर पाडिया को फांसी की सजा सुनाई। यह ऐतिहासिक फैसला सुनकर दिवंगत मासूम रूद्राक्ष के माता-पिता की आंखों में आंसू आ गए। पिता पुनीत हांडा ने कहा कि उन्हें पहले दिन से कोर्ट पर पूरा भरोसा था कि आरोपी को एक दिन फांसी की सजा जरूर मिलेगी।

26 फरवरी,2018 को इसी अदालत में न्यायाधीश गिरीश अग्रवाल ने लंबी सुनवाई के बाद रूद्राक्ष की जघन्य हत्या के चारों आरोपियों अंकुर पाडिया, उसके भाई अनूप पाडिया, महावीर शर्मा व करणजीत सिंह को दोषी करार दिया था। लोक अभियोजक कमलकांत शर्मा ने इस जघन्य अपराध के लिए दोषियों को फांसी की सजा देने की गुहार लगाई थी। न्यायाधीश ने फैसले में अंकुर को फांसी की सजा, उसके भाई अनूप पाडिया को आजीवन कारावास, महावीर को 4 वर्ष और करणजीत सिंह को 2 वर्ष की सजा सुनाई गई थी।

इसके बाद अंकुर के वकील ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि आरोपी को फांसी की सजा कम करके आजीवन करावास की सजा दी जाए। हाईकोर्ट ने निचली अदालत को 3 माह में फिर से सुनवाई करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद एससी-एसटी कोर्ट ने 19 दिसंबर को अंतिम फैसले में फांसी की सजा को बरकरार रखा है।

कैसे हुआ था रूद्राक्ष का अपहरण

शहर की तलवंडी कॉलोनी में बैंक मैनेजर पुनीत हांडा का 7 वर्षीय पुत्र रूद्राक्ष 9 अक्टूबर,2014 शाम को पास के हनुमान पार्क में खेलने गया था। शाम 7 बजे घर पर अचानक फोन आया कि तुम्हारा बेटा किडनेप हो गया है। जफर मोहम्मद नाम बताकर फोन करने वाले ने धमकी दी कि बेटे को सही सलामत वापस चाहते हो तो 2 करोड़ रू. का इंतजाम कर लो। पुनीत अवाक रह गए। पत्नी ने कहा कि मेरे सारे गहने बेच दो लेकिन मेरे बेटे को घर ले आओ। पुनीत ने हिम्मत जुटाकर जवाहरनगर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई।

पुुलिस जांच में पता चला कि सीसीटीवी फुटेज में सफेद माइक्रा कार वहां दिखाई दी। 10 अक्टूबर को पुलिस को तालेडा थाना क्षेत्र की जाखमंड नहर में एक बच्चे का शव बरामद हुआ, उसकी शिनाख्त रूद्राक्ष के रूप में हुई। पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर टीमें गठित कर जांच शुरू कर दी। शहर में जनाक्रोश को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अजीत सिंह कई दिन कोटा में रहे। संदिग्ध कार मालिक का पता चला।

कर्जदार अंकुर अपराधी प्रवृति का था

फोन डिटेल की पड़ताल से हत्या के आरोपी अनंतपुरा क्षेत्र के ओम एन्क्लेव में रहने वाले अंकुर पाडिया का नाम सामने आया। उसके फ्लेट से पुलिस को फोन सहित कुछ अन्य सबूत भी हाथ लगे। दिल्ली से उसने करणजीत से सिमकार्ड लेकर गुजरात से क्लोरोफॉर्म मंगवाई थी। जांच में सामने आया कि अंकुर का फर्जी नाम संतोष सिंह है। लंबी पडताल के बाद पुलिस ने 17 अक्टूबर,2014 को कानुपर से अंकुर पाडिया व लखनऊ से उसके भाई अनूप को गिरफ्तार कर लिया। अंकुर क्रिकेट में सट्टा लगाता था, जिससे वह कर्जदार हो गया था। इसके चलते उसने रूद्राक्ष के अपहरण की योजना बनाई। पुलिस ने अंकुर के नौकर महावीर शर्मा को भी केशवरायपाटन से गिरफ्तार किया।

कोटा के वकीलों ने दोषियों की पैरवी नहीं की

इस मामले में खास बात यह रही कि कोटा के वकीलों ने दोषियों की पैरवी नहीं की। पुनीत हांडा की ओर से वकील हरीश शर्मा ने निशुल्क पैरवी की। पुलिस ने लंबी जांच के बाद 1464 पेज की रिपोर्ट व 10 सीडी में चालान पेश किया था। करीब 4 वर्ष चली इस बहुचर्चित हत्याकांड की कार्रवाई में 110 गवाहों के बयान दर्ज हुए। पर्याप्त साक्ष्य के आधार पर न्यायाधीश गिरीश अग्रवाल ने आरोपियों को दोषी मानते हुए कडी सजा सुनाई। शहरवासियों ने कहा कि बहुचर्चित रूद्राक्ष अपहरण हत्याकांड में इस ऐतिहासिक न्यायिक फैसले से जनता का न्यायपालिका में विश्वास बढ़ा है।

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