Friday, 29 March, 2024

क्यू.आर.कोड से गुमशुदा जानवर को ढूंढना हुआ आसान

कोटा में 10वीं के छात्र नहुश ने अनूठा व सस्ता ‘क्यूआर कोड’ विकसित किया
न्यूजवेव@ कोटा

15 वर्षीय छात्र नहुश गुप्ता ने एक अनूठा Q.R. कोड विकसित किया है, जिसकी मदद से किसी भी गुमशुदा पालतू जानवर की सूचना उसके मालिक तक तत्काल पहुंच सकती है।

उसने बताया कि आजकल कई घरों में सुरक्षा की दृष्टि से महंगी नस्ल के पालतू डॉग्स रखे जाते हैं। अचानक कभी वे किसी अनजान जगह पर चले जाएं या गायब हो जाये तो उनको ढूंढ़ना बहुत मुश्किल हो जाता है। लेकिन अब यदि उसके गले की कॉलर पर Q.R.( Quick Response) कोड का टैग लगा है, तो कोई भी नागरिक मोबाइल से स्केन कर मालिक का नाम, मोबाइल नम्बर, पता व लोकेशन की जानकारी ले सकता है। जिससे सूचना मिलते ही मालिक वहां पहुंच सकते है।

गोपाल विहार निवासी नीलेश गुप्ता-वंदना गुप्ता के बेटे नहुश को बचपन से पालतू डॉग से लगाव रहा, पढाई के साथ वह उससे खूब खेलता था। एक दिन उसके गायब हो जाने पर ढूंढना मुश्किल हो गया। बाहरी जानवर ने उसे घायल भी कर दिया था। तब उसने गूगल पर एनिमल सुरक्षा के लिए सर्च किया और यूट्यूब से पालतू एनिमल की सुरक्षा का नई तकनीक का आइडिया मिला। उसने निरन्तर मेहनत कर कोडिंग से क्यू आर कोड विकसित कर लिया।
पालतू एनिमल की मेडिकल हिस्ट्री भी

अरिहंत सीनियर सैकंडरी स्कूल में कक्षा-10 के छात्र नहुश ने बताया कि Q.R. कोड से हम पालतू जानवर की मेडिकल हिस्ट्री भी देख सकते हैं। चूंकि पालतू डॉग को 6 माह तक कोई वैक्सीन नही लगता है, लेकिन उसके बाद उसे वैक्सीन लगाना अनिवार्य होता है। क्यू आर कोड होने से अब डायरी रखने की जरूरत नही पड़ेगी। इस कोड की लागत बहुत कम आएगी। क्योंकि उसने इसे किसी बिजनेस मॉडल के रूप में विकसित नही किया है। बस अपने आइडिया को मेहनत से साकार कर दिखाया, जिससे आम जनता को बहुत लाभ होगा।
उसने बताया कि पेटीएम पर क्यूआर कोड से सारी जनकारी मिलते ही हम भुगतान कर देते हैं, उसी तरह, इस टैग से भी किसी गुमशुदा पालतू जानवर के मालिक तक पहुंचना आसान हो जाएगा। क्यू आर कोड पुराने बार कोड से कहीं ज्यादा त्वरित, उपयोगी व प्रभावी है। शहर में पालतू गायों पर यह टैग लगाने से नगर निगम को उसके मालिक का तुंरत पता चल जायेगा। शहर में किसी आईटी कंपनी की मदद लेकर वे इसे आम जनता तक पहुंचाना चाहते हैं।

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