Sunday, 6 July, 2025

कोटा यूनिवर्सिटी के वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग में ग्रुप डिस्कशन

न्यूजवेव @ कोटा
कोटा विश्वविद्यालय के वाणिज्य एवं प्रबन्ध विभाग द्वारा स्टूडेंटस के लिए ग्रुप डिस्क्शन आयोजित की गई। इस ग्रुप डिस्कशन में विभाग के एम.बी.ए, एम.बी.ए हॉस्पीटल एडमिनिस्ट्रेशन, एम.बी.ए इन्टरनेशनल बिजनेस, एम.कॉम एकाउन्टिंग एंड फाइनेंस, एम.कॉम बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन व पी.जी. डिप्लोमा इन इनकम टेक्स तथा पी.जी. डिप्लोमा इन जी.एस.टी के विद्यार्थियों ने उत्साह से भाग लिया।
विभागाध्यक्ष डॉ.मीनू माहेश्वरी ने बताया कि इस प्रकार के ग्रुप डिस्कशन एम.बी.ए स्टडेंट्स के लिए बहुत उपयोगी होता है। यह ग्रुप डिस्कशन वर्तमान के ग्लोबल आर्थिक परिदृश्यों एवं राष्ट्रीय मुदों को ध्यान में रखते हुए समसामयिक विषयों पर हुआ।


इस ग्रुप डिस्कशन में नौ टॉपिक पर विचार-मंथन हुआ। इसमें ईरान संधर्ष का भारत पर प्रभावः जिसमें भारत की कूटनीतिक रणनीति, ऊर्जा सुरक्षा और प्रवासी भारतीयों से जुडी चिंताओ को केंद्र में रखा गया। दूसरा, वैश्वीकरण का स्थानीय व्यापार पर प्रभाव, जिसमें विदेशी ब्रांडों व बहुराष्ट्रीय कंम्पनियों के प्रभाव तथा ग्लोबलाइजेशन की आवश्यकता पर जोर दिया। तीसरा, फेक न्यूज और गलत सूचना का प्रभाव विषय में डिजिटल प्लेटफॉर्मो की भूमिका, मीडिया साक्षरता की आवश्यकता तथा शिक्षा प्रणाली की जिम्मेदारी को रेखांकित किया गया।चौथा, ए.आई और ऑटोमेशन का रोजगार पर प्रभाव विषय में नवाचार व रोजगार छिनने की चिंताओं और री-स्किलिंग की जरूरत कर मंथन हुआ।
पांचवा, वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोत पर चर्चा में सौर, पवन व जलविधुत जैसे नवीकरर्णीय व आर्थिक प्रभावों पर विचार किया गया। छठा, जैव प्रोधोगिकी में नैतिक मुद्दों को लेकर जेनेटिक मोडिफिकेशन, क्लोनिगं और स्टेम सेल रिसर्च जैसे संवेदनशील विषयों पर विचार व्यक्त किए गए। सातवां, सस्टेनेबल डेवलपमेन्ट, वैश्विक संधर्ष, नैतिकता का विकास जैसे प्रमुख मुदों पर डिस्कशन किया गया।
इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों को चार समूहों में बांटा गया फिर उन्हें एक एक विषय देकर डिस्कशन करवाया। कार्यक्रम के समन्वयक विभाग के डॉ. आशीष आसोपा रहे। इस कार्यक्रम विभाग में डॉ. प्रज्ञा धीर, डा जतिन, डा. ज्योति, गजेन्द दूधी, रूपाली लोके आदि ने कार्यक्रम में सहयोग दिया।
कोटा यूनिवर्सिटी के कुलगुरु प्रो. बी.पी सारस्वत ने कहा कि ऐसे कार्यक्रम से जुडकर विद्यार्थियों को तत्कालीन मुद्दों के प्रति समझ बढ़ती है। व्यक्तित्व विकास होता है तथा आगे चलकर ऐसे विद्यार्थी देश के विषयों के समाधान ढूढने में अपनी सकारात्मक भूमिका निभा पाते है। कार्यक्रम में विभाग के मैनेजमेंट फोरम के स्टूडेंट्स ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से हमारा सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास होता है।

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