सवाल : कोचिंग संस्थानों पर हल करवाये जा रहे कठिन प्रश्न व जटिल टेस्ट विद्यार्थियों पर अनावश्यक बोझ तो नही थोप रहे हैं।
न्यूजवेव @ नईदिल्ली
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा 5 मई को देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी 2019 सफलतापूर्वक आयोजित की गई। फनी तूफान के कारण उड़ीसा राज्य सरकार के अनुरोध पर यह परीक्षा उस राज्य में स्थगित कर दी गई। देश के अन्य सभी परीक्षा केंद्रों पर यह निर्विघ्न संपन्न हो गई । मानव संसाधन विकास मंत्रालय पिछले कुछ वर्षों से प्रतियोगी प्रवेश परीक्षाओं के लिए कोचिंग की आवश्यकता को समाप्त करने के लिए प्रयासरत है। इसी उद्देश्य से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी का गठन किया गया है।
यदि नीट-2019 के प्रश्न पत्र का विश्लेषण किया जाए तो ऐसा प्रतीत होता है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी आने वाले समय में महंगी कोचिंग की आवश्यकता पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह खड़ा कर सकता है। पेपर का विश्लेषण कर रहे शिक्षकों ने बताया कि यदि प्रवेश परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्न कक्षा-11वीं एवं 12वीं की स्कूली पढ़ाई से हल किए जा सकते हैं तो फिर कोचिंग की आवश्यकता क्यों?
5 मई 2019 को आयोजित नीट-2019 के फिजिक्स के प्रश्न पत्र की बात की जाए तो प्रश्न चाहे एटॉमिक स्ट्रक्चर से हो, सेमीकंडक्टर से हो या फिर यूनिट्स एंड डाइमेंशंस से हो। यदि विद्यार्थी ने NCERT सिलेबस को ध्यानपूर्वक पड़ा है तो निश्चित ही वह इस प्रश्न पत्र में अच्छा स्कोर कर सकता है।केमिस्ट्री के प्रश्न पत्र में फिजिकल केमिस्ट्री से चाहे केमिकल थर्मोडायनेमिक्स हो, केमिकल काइनेटिक्स हो या फिर केमिकल बॉन्डिंग हो सभी प्रश्न सामान्य स्कूल स्तर के रहे। पॉलीमर्स तथा बायो मॉलिक्यूल से पूछे जाने वाले प्रश्न एनसीईआरटी आधारित थे और आसानी से हल किए सकते थे। बायोलॉजी के प्रश्न पत्र का भी कमोबेश यही हाल है। मात्र 4 प्रश्न ऐसे थे जो एनसीईआरटी सिलेबस से कुछ अलग महसूस हुए। इनमें से तीन प्रश्न जूलॉजी तथा एक प्रश्न बॉटनी का था।
विद्यार्थियों पर कोचिंग का अनावश्यक दबाव
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा नीट-2019 के लिए तैयार किया गया पेपर अपने पीछे कई अनुत्तरित प्रश्न छोड़ गया। परीक्षा केंद्रों से पेपर देकर निकले विद्यार्थियों में बड़ी चर्चा थी कि कोचिंग इंस्टीट्यूट में न जाने कितने कठिन प्रश्न हल किए। इन प्रश्नों को समझने और हल करने में वर्ष पर्यंत कड़ी मेहनत की। लेकिन आज जिस तरह का पेपर नजर आया यह प्रश्नपत्र कोचिंग के प्रश्नपत्रों से बिल्कुल मेल नहीं खाते।
परीक्षार्थियों को विश्वास ही नहीं हुआ कि नीट का प्रश्नपत्र इतना आसान भी हो सकता है। कोचिंग नही करने वाले कई विद्यार्थियों से बातचीत करने पर यह पता चला कि पेपर हल करने में उन्हें कोई ज्यादा परेशानी नहीं हुई। क्योंकि बोर्ड परीक्षा के लिए NCERT से संबंधित प्रश्नों को बेहतर तरीके से हल किया था और उसी प्रकार के प्रश्न नीट-2019 में दिखाई दिए अत: प्रश्न करने में निश्चित तौर पर आसानी रही। नीट-2019 का यह पेपर देश के कोचिंग संचालकों को भी आत्मविश्लेषण करने पर मजबूर कर गया। कोचिंग संचालकों ने माना कि पेपर पैटर्न इतना आसान रहा तो बच्चों को NCERT सिलेबस पर फोकस करवाया जाएगा।