Friday, 11 October, 2024

राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों के लिए होगी नई तबादला नीति

– तबादला नीति का ड्राफ्ट बनकर तैयार हो गया है, जिसे मुख्यमंत्री से मंजूरी मिलते ही लागू कर दिया जाएगा

– ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए नहीं लगाने होंगे विधायक-मंत्री के चक्कर

न्यूजवेव@जयपुर
राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों को अब तबादले के लिए मंत्री-विधायकों और अधिकारियों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इसके लिए गहलोत सरकार जल्द ही प्रदेश में नई तबादला नीति लागू करने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक तबादला नीति का ड्राफ्ट बनकर तैयार हो गया है। जिसे मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास भेजा जाएगा। जैसे ही सीएम ने इस पर अपनी मुहर लगाई, राज्य में इस तबादला नीति को लागू कर दिया जाएगा।

कहा जा रहा है कि तबादला नीति के प्रावधानों के अनुसार ही अब शिक्षा विभाग सहित सभी विभागों के कर्मचारियों का ट्रांसफर किया जाएगा। यह ड्राफ्ट मुख्य सचिव उषा शर्मा को भेजा गया है। उल्लेखनीय है कि तबादला नीति को अंतिम रूप देने के लिए सरकार ने 31 दिसंबर 2021 को उन्हें सारे दस्तावेज भी उपलब्ध करवा दिए थे। तबादला नीति को लेकर 16 मई को प्रशासनिक सुधार विभाग की बैठक आयोजित की गई, जिसमें तबादला नीति पर चर्चा हुई। उसके बाद इसे शीघ्र लागू करने को लेकर अब सरकार ने उन्हें पत्र भेजकर तत्काल ड्राफ्ट भेजने के लिए कहा है।

सूत्रों के मुताबिक सीएम गहलोत की मंजूरी के बाद नई तबादला नीति अगले महीने जून में लागू हो सकती है। जुलाई में स्कूल-कॉलेज भी खुलेंगे। माना यह जा रहा है कि स्कूल-कॉलेज खुलने से पहले सरकार तबादला नीति लागू कर देगी। जिससे शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को तबादलों के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़े। स्कूल-कॉलेज की पढ़ाई में भी कोई बाधा न आए। राज्य में कांग्रेस शासन हो या फिर बीजेपी का, ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं। तबादलों में भाई-भतीजावाद और नियम विरुद्ध तबादले करने और ट्रांसफर के बदले पैसे लेने के भी आरोप लगते रहे हैं। पिछले साल ही जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी शिक्षक दिवस पर शिक्षकों से ट्रांसफर के बदले पैसे देने को लेकर सवाल पूछा था, तब सभी शिक्षकों ने एक सुर कहा था कि तबादलों के बदले पैसे लिए जाते हैं। तब इस मामले में तत्कालीन शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को भी सफाई देनी पड़ी थी। प्रदेश में अगर नई तबादला नीति लागू होती है तो इससे सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों को बड़ी राहत मिलने वाली है। चूंकि इसके लिए उन्हें सिफारिश के लिए दर-दर नहीं भटकना पड़ेगा। तबादले के लिए आवेदन करने के बाद उन्हें तबादला नीति के प्रावधानों के मुताबिक आसानी से उनका तबादला हो जाएगा। गौरतलब है कि सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तबादलों में पारदर्शिता रखने करने के लिए नई तबादला नीति जारी करने की घोषणा की थी।

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