न्यूजवेव @ कोटा
कोटा से 40 किमी दूर मुुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में गुरूवार सुबह लगभग 8 बजे एक पैंथर के रेलवे लाइन पर आ जाने से उसकी मौत हो गई। सहायक वन्यजीव संरक्षक अनिल यादव ने बताया कि गुरूवार सुबह मुंबई-दिल्ली रूट पर दरा गांव से कुछ दूर बालाजी मंदिर के पास रेलवे ट्रेक पर यह हादसा हुआ।
सूत्रों के अनुसार, ढाई साल का यह पैंथर अचानक रेलवे इंजन के सामने आ जाने से चोटिल हुआ। ग्रामीणों ने बताया कि ट्रेन से टक्कर इतनी जबर्दस्त हुई कि उसका शव उछलकर दिल्ली-मुंबई ट्रेक की डाउन लाइन पर आकर गिरा।
ग्रामीणों की सूचना पर वन्यजीव विभाग की टीम जब वहां पहुंची तो पैंथर के सिर, पेट व पूंछ में चोट के निशान दिखाई दिए। गुरूवार को पैंथर की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए उसके शव का पशु चिकित्सालय, कोटा में पोस्टपार्टम किया गया।
याद दिला दें कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम,1972 के अनुसार, पैंथर वन्यजीवों की शैड्यूल-1 श्रेणी में आता है। गत वर्ष इसी स्थान पर रेलवे लाइन पर एक भालू की भी मौत हो चुकी है। इन दिनों भीषण गर्मी में जलस्त्रोत सूख जाने से वन्यजीव पानी की तलाश में दूर तक भटकते रहते हैं।
मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में एमटी-1 टाइगर आने के बाद वन्यजीवों की हलचल बढ़ गई है। सांभर, चीतल, भालू, सहित कई अन्य वन्यजीवों के लिए यह संरक्षित क्षेत्र माना जाता है लेकिन इससे गुजरने वाली रेलवे लाइन के दोनों ओर सुरक्षित फेंसिंग नहीं होने से वन्यजीवों के लिए हमेशा खतरा बना रहता है। पैंथर की मौत की खबर से वन्यजीव प्रेमियों ने रेलवे लाइन के दोनों ओर उंची बाउंड्री वाल बनाने की मांग की है। इस घटना के बाद बाघ एमटी-1 की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
1500 वन्यजीवों की शरणस्थली है मुकंदरा
मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व चंबल किनारे होने से इस क्षेत्र में बाघ, पैंथर, भालू, सांभर, चीतल, जरख (हाइना), भेडि़या, लोमड़ी, नीलगाय, काले हिरण, वनविलाव, खरगोश,दुर्लभ स्याहगोह, निशाचर सिविट केट और रेटल जैसे दुर्लभ वन्यजीव यहां देखने को मिलते हैं। वन्य अधिकारियों के अनुसार, मुकंदरा क्षेत्र में लगभग 1000 चीतल, 60 भालू, 60 से 70 पैंथर, 60 नील गायों सहित बाघ प्रजाति के 6 बघेरा (लेपर्ड) भी हैं। बडी संख्या में छोटे वन्यजीव विचरण करते हैं।