1 जनवरी,2017 को लागू योजना में महिला के गर्भवती होने पर तीन चरणों में 5000 रूपये का नगद पुरस्कार दिया जाता है।
मेघा जैन
न्यूुज वेव, सुनेल
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए प्रारंभ की गई ‘प्रधानमंत्री मातृ वन्दन योजना’ का लाभ ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को एक वर्ष बाद भी नही मिल पा रहा है। यह योजना 1 जनवरी,2017 को लागू की गई थी।
गौरतलब है कि चिकित्सा एंव स्वास्थ्य विभाग ने संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने, मातृ व शिशु मृत्यु दर कम करने, हाई रिस्क वाली गर्भवती महिलाओं की समय पर पहचान करने के लिए मातृ वंदन योजना पर योजनाबद्ध ढंग से अमल शुरू किया। इसके तहत महिला के गर्भवती होने पर तीन चरणों में 5000 रूपये का नगद पुरस्कार दिया जाता है।
पुरस्कार राशि महिला एंव बाल विकास विभाग द्वारा गर्भवती महिला के बैक खाते में जमा की जाती है। योजना में एएनएम, स्वास्थ्य कार्यकर्ता व आशा सहयोगिनों द्वारा सर्वे एवं मॉनिटरिंग की जाती है। गंावों में महिला के गर्भवती होने पर आशा सहयोगिनी उन्हें सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केन्द्रों में लाकर उनका पंजीयन कराने के अलावा टीकाकरण कार्ड तैयार करवाती हैं।
उद्देश्य अच्छा लेकिन महिलाएं लाभ से वंचित
जननी सुरक्षा के लिए गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पतालों में पंजीयन होने से संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिलेगा। योजना का उद्देश्य है कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में सरकारी अस्पतालों व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर प्रसव कराने के प्रति रूझान बढ़ाया जाए। इससे विभाग को गर्भवती महिलाओं के सही आंकडे़ उपलब्ध होते है। गर्भवती होने के साथ ही टीकाकरण कार्ड बनने से समय पर सभी टीके लग सके। नीम हकीमों व दाई से प्रसव कराने के बजाय सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने से मातृ व शिशु मृत्यु दर में कमी आएगी। इसके अलावा अति जोखिम वाली महिलाओं की समय से पहचान होने से उनका समय पर उपचार संभव हो सकेगा।
तीन चरणों में ऐसे मिलती है पुरस्कार राशि
योजना के तहत गर्भवती महिलाओं का पंजीयन होने के साथ ही उन्हें 1000 रूपए का पुरस्कार देना है। पंजीयन के अलावा गर्भवती महिला की ब्लड़, यूरिन व हीमोग्लोबिन की सामान्य जांच की जाती है। गर्भवती महिला की दो माह में दूसरी जांच होती है। इसमें रूटीन चेकअप होता है। तीसरी जांच के समय गर्भवती महिला के गर्भ में पल रहे शिशु की जांच के अलावा उसे आधार व भामाशाह कार्ड से अपडेट किया जाता है। उसके बाद उसके खाते में 2000 की पुरस्कार राशि जमा की जाती है। महिला के प्रसव से पहलें 9वें महिने में जांच के समय शेष 2000 रूपए की राशि दी जाएगी। योजना के तहत अति जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं का लगातार फॉलोअप होता है।
हमें कोई राशि नही मिली
ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को प्रचार-प्रसार के अभाव में योजना का लाभ पूरा नही मिल पा रहा है। गर्भवती महिला जेरा बी, गेंदा कुंवर, मुस्कान बी, नसीम बानो ने बताया कि हमें इस योजना के तहत अभी तक कोई पुरस्कार राशि नही मिली है।
‘आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिका को पाबंद कर योजना से गर्भवती महिलाओं को जल्द लाभ दिलवाया जाएगा। ‘
– कौशल्या कालरा, सीडीपीओं,महिला बाल विकास विभागए सुनेल (झालावाड़)