Wednesday, 17 April, 2024

कोटा में पशुपालकों के लिए बना पहला हाईटेक कस्बा

300 करोड की लागत से 105.09 हैक्टेयर भूमि पर देवनारायण आवासीय नगर का निर्माण, 738 आवास बाडे़ सहित बने
न्यूजवेव @ कोटा

नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल की पहल पर कोटा शहर में पशुपालकों के लिये प्रदेश की पहले अनूठे देवनारायण नगर का कार्य अंतिम चरण में चल रहा है। इस योजना में शहर के सभी मवेशियों को यहां शिफ्ट किया जायेगा जिससे शहर पूरी तरह कैटल फ्री बन जायेगा।


नगर विकास न्यास सचिव राजेश जोशी ने बताया कि पशुपालकों को एक ही जगह पर सभी सुविधाएं देते हुये देवनारायण नगर में 738 आवासों का मय बाडे एवं चारा स्टोर की सुविधा सहित निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इस योजना में पशुपालक परिवारों के लिए बिजली, पानी, सडक, चिकित्सा, गोबर गैस संयंत्र पुलिस चौकी, प्रशासनिक भवन आदि सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जा रही है। पशुपालकों के लिए सामुदायिक भवन, स्कूल, चिकित्सालय, पशु चिकित्सालय जैसी अन्य सुविधाएं भी दी गई है। पशुओं के लिए तालाब, खुला चारागाह, जंगल में विचरण के लिए अनुकूल जगह भी दी गई है। योजना में आवासीय भूखण्डों के अतिरिक्त डेयरी उद्योग, भूसे गोदाम, खलचूरी गोदाम के साथ सामान्य व्यावसायिक क्षेत्र भी बनाये गए है।
पशुपालकों की आर्थिक-सामाजिक स्थिति सुधरेगी

यूआईटी के विशेषाधिकारी आर डी मीणा ने बताया कि देवनारायण नगर देश में अनूठी एकीकृत आवासीय योजना हैं। अब तक पशुपालक पशुओं का दूध दोहने के बाद उन्हें विचरण के लिये सड़कों पर खुला छोड़ देते थे, जिससे शहर की व्यस्त सड़को पर आए दिन दुर्घटनाएं हो रही थी। जिसमें कई अकाल मौतें भी हो गई, कई लोग गंभीर घायल हो गये। सड़को पर पशुओं के झुंड जमा होने से यातायात में भी परेशानी हो रही थी।
शहर की इस ज्वलंत समस्या को हल करने के लिये कोटा में सर्वे किया गया कि कितना पशुधन है। उसके बाद अन्य प्रदेशों की योजनाओं का अध्ययन किया गया। मुख्यमंत्री ने बजट में 300 करोड़ की लागत से कोटा शहर के पशुपालकों के लिये देवनारायण एकीकृत आवासीय योजना बनाने की घोषणा की थी। 17 अगस्त,2020 को धर्मपुरा एवं बंधा की 105.09 हैक्टेयर भूमि पर इसकी आधारशिला रखी गई।
गोेबर से बनेगी बायोगैस
इस नगर में लगभग 15000 पशुओं से प्राप्त गोबर के निस्तारण हेतु न्यास द्वारा बायोगैस संयंत्र की स्थापना की जा रही है जिसका कार्य जल्द हो जाएगा। बायोगैस संयंत्र से गोबर की दुर्गंध से मुक्ति मिलेगी तथा पशुपालकों को बायोगैस संयंत्र को गोबर के विक्रय से अतिरिक्त आमदनी भी प्राप्त होगी। यहां स्कूल भवन, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, पशु चिकित्सालय, सामुदायिक भवन, सोसायटी कार्यालय , पुलिस चौकी जीएसएस, पानी की टंकियां, सीवर लाइन, पार्क, नाली, सड़के, एसटीपी, पशुमेला मैदान , दुग्ध मण्डी एवं रंगमंच आदि बनाये जा चुके हैं।

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