दो सुपर स्पेशिएलिटी ब्लॉक बनाने से एम्स में 3000 बेड की सुविधा मिलेगी
नवनीत गुप्ता
न्यूजवेव @ नईदिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एम्स, नईदिल्ली में नेशनल सेंटर फॉर एजिंग (एनसीए) अर्थात् ‘राष्ट्रीय वृद्धजन केंद्र’ की आधारशिला रखी। इसके जरिए बुजुर्गों को मल्टी स्पेशिएलिटी हैल्थ केअर उपलब्ध होगी। एम्स में इसके लिए 200 बेड का जनरल वार्ड बनाया गया है।नेशनल सेंटर फॉर एजिंग (एनसीए) प्रोजेक्ट का कार्य मार्च,2020 तक पूरा हो जाएगा।
सफदरजंग हॉस्पिटल में भी सुपर स्पेशिएलिटी ब्लॉक
प्रधानमंत्री ने इसी कार्यक्रम के दौरान सफदरजंग अस्पताल में 555 बेड के सुपर स्पेशिएलिटी ब्लॉक का उद्घाटन किया। उन्होंने सफदरजंग अस्पताल में 500 बेड का नया इमरजेंसी ब्लॉक, एम्स में 300 बेड का पावर ग्रिड विश्राम सदन और एम्स, अंसारी नगर तथा ट्रोमा सेंटर के बीच संपर्क सुरंग भी राष्ट्र को समर्पित की।
गौरतलब है कि एम्स, नईदिल्ली के सभी वार्डों में फिलहाल करीब 2500 बेड की सुविधा है, लेकिन सफदरजंग में दोनों ब्लॉक आरंभ होते ही यहां भर्ती रोगियों के लिए बेड की संख्या 3000 से अधिक हो जाएगी।
टीबी उन्मूलन 2025 तक
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम भारत से 2025 तक तपेदिक रोग यानी टीबी उन्मूलन करना चाहते हैं। विश्व में टीबी उन्मूलन का लक्ष्य 2030 तक है। उन्होंने विश्वास जताया कि देश का चिकित्सा क्षेत्र यह लक्ष्य पूरा कर लेगा।
सरकार के एजेंडे में ‘नेशनल हैल्थ पॉलिसी’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भाजपा सरकार का विजन सिर्फ अस्पताल, बीमारी, दवाइयां अथवा आधुनिक सुविधाओं तक ही सीमित नहीं हैं। कम खर्च में देश के हर व्यक्ति को इलाज सुनिश्चित हो, लोगों को बीमार बनाने वाले कारणों को खत्म किया जाए, इस सोच के साथ ‘नेशनल हैल्थ पॉलिसी’ का निर्माण किया है।
उन्होने कहा कि किफायती हैल्थ केयर और रोगों पर नियंत्रण को सरकार ने एजेंडा में प्राथमिकता दी है। इस हैल्थ केयर मिशन में ग्रामीण विकास मंत्रालय, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय, महिला और बाल विकास मंत्रालय तथा आयुष मंत्रालय भी शामिल हैं।
58 जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज का दर्जा
केंद्र सरकार द्वारा 58 जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज का दर्जा देकर अपग्रेड किया जा रहा है। इस वर्ष के बजट में 24 नए मेडिकल कॉलेज बनाने की घोषणा की गई है। उनके आग्रह पर देश के डॉक्टर महीने में एक बार गर्भवती महिलाओं की मुफ्त जांच कर रहे हैं। अब तक देश में गर्भवती महिलाओं की 1.25 करोड़ जांच की जा चुकी है। इस कार्य के लिए उन्होंने मेडिकल प्रोफेशनल्स की प्रशंसा की।
हर जिले में खुल रहे डायलिसिस सेंटर
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के लगभग हर जिले में डायलिसिस सेंटर बनाए जा रहे हैं। जहां गरीबों को निशुल्क डायलिसिस की सुविधा दी जा रही है। अब तक करीब 2.5 लाख रोगी इसका लाभ उठा चुके हैं। पहले जहां गरीब को मुफ्त डायलिसिस के लिए सैंकड़ों किलोमीटर दूर जाना पड़ता था, अब उसे अपने ही जिले में ये सुविधा मिल रही है।