Friday, 26 April, 2024

निजी अस्पतालों को नहीं मिला सरकारी योजनाओं का पैसा

7 दिन में बकाया राशि नहीं मिली तो सरकारी योजनाओं के तहत नहीं करेंगे फ्री उपचार
न्यूजवेव @कोटा
कोटा शहर के निजी अस्पतालों को लम्बे समय से सरकारी योजनाओं के तहत किए जा रहे उपचार व ऑपरेशन का पैसा नहीं मिल रहा है, जिससे डॉक्टर्स ने मरीजों का निशुल्क उपचार करने में असहमति दर्ज कराई है। उन्होंने जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर अंशुमान भारत (MG-RSBY) व भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना का पैसा नहीं मिलने पर कार्य बंद करने की चेतावनी दी है।
ऑल प्राइवेट हॉस्पिटल एसोसिएशन कोटा ने जिला कलक्टर ओम कसेरा से कहा कि पिछले 7 माह से रूका हुआ पैसा नहीं मिला है। कई बार याद दिलाने पर भी सरकारी अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे है। निजी अस्पताल मरीजों का इलाज करना चाहते हैं, लेकिन इतने लम्बे समय से पैसा नहीं मिलने से आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है। एसोसिएशन के सचिव डॉ. के.के. पारीक ने बताया कि कोटा में सभी निजी अस्पतालों की पीडा है कि उन्हें रूका हुआ पैसा नहीं मिल रहा है। हम ऐसी स्थिति में इन योजनाओं के तहत कार्य नहीं कर सकेंगे। यदि 7 दिन में सरकार ने पैसा नहीं दिया तो निजी अस्पताल मजबूर होकर योजनाओं के तहत मरीजों को देखना बद कर देंगे।
कोटा में 18.73 करोड की राशि बकाया
सचिव डॉ. पारीक ने बताया कि किसी निजी चिकित्सालय का एक करोड़ तो कुछ का और अधिक रिजेक्ट केस का बकाया है। दिसम्बर माह के बाद से निजी चिकित्सालयों को पैसा नहीं मिला है। कोटा शहर में 16 ऐसे निजी अस्पताल हैं जिनका 18 करोड 73 लाख 93 हजार 588 रूपए अब तक बकाया है। इतना अधिक पैसा बकाया होने से कार्य करना मुश्किल हो गया है।
मरीजों को हो सकती है परेशानी
निजी चिकित्सकों का कहना है कि हम मरीजों को क्वालिटी ट्रीटमेंट देना चाहते हैं, सरकार की योजनाओं ये हजारों मरीजों को निशुल्क उपचार मिल रहा था। लाखों रूपए के ऑपरेशन निर्धन व जरूरतमंदों के भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना व अन्य योजनाओं के तहत हो रहे थे। लेकिन अस्पतालों के सामने अन्य डॉक्टर्स की फीस, नर्सिंग स्टॉफ व दवाओं के अपने पास से पैसा देने का संकट खड़ा हो गया है। कोरोना संक्रमण काल में ये समस्या और भी अधिक विकट हो गई है। यदि निजी अस्पतालों को शीघ्र ही पैसा नहीं दिया गया तो वह मरीजों का इन योजनाओं के तहत उपचार बंद कर देंगे, जिससे मरीजों को भारी समस्या उत्पन्न होगी। इस अवसर पर कई निजी चिकित्सालय संचालक उपस्थित रहे।

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