जलदाय विभाग की बदइंतजामी से कोटा की जनता परेशान
न्यूजवेव @कोटा
कोटा में अतिवृष्टि के बाद शहर की जनता शुद्ध पेयजल के लिये तरस रही है। मूसलाधार बरसात से जहां कई कॉलोनियों में दूषित पानी घरों में घुस जाने से दुर्गंध फैल रही है। वहीं, पहली बार जलदाय विभाग ने पेयजल आपूर्ति दो-दो घंटे तक सीमित करके जनता के लिये दूसरी किल्लत पैदा कर दी है।
सूत्रों के अनुसार, गांधी सागर से पानी छोडने के बाद कोटा बैराज के गेट भी खोल दिये गये। इससे अकेलगढ़ स्थित जल शोधन संयंत्र में चंबल के दूषित पेयजल को शुद्ध करने का सिस्टम चरमरा गया। सोमवार को कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने पीएचईडी के अतिरिक्त मुख्य अभियंता नरेंद्र धाकड़ से वार्ता कर अफसरों को कड़ी चेतावनी दी कि जल्द ही पेयजल आपूर्ति को सामान्य नहीं किया गया तो उन्हें चैन से नहीं बैठने दिया जायेगा। पेयजल आपूर्ति के लिये जनांदोलन करेंगे।
उधर, अधिकारियों का कहना है कि अकेलगढ़ प्लांट में पानी में टर्बिडिटी बढ़ जाने से उसे शुद्ध करने के फिल्टर प्लांट पर लोड बढ जाने से रोजना निर्धारित समय सीमा में ही जलापूर्ति की जा रही है।
इस पर विधायक शर्मा ने कहा कि बरसात लगातार होने पर पहले से इसकी व्यवस्था क्यों नहीं की गई। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकाल में पांच करोड़ लागत से अकेलगढ़ में काम करवाए गए। कोटा की बढती आबादी को देखते हुये 150 करोड़ के प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवाए गए थे, लेकिन सरकार ने उन्हें निरस्त कर जनता को धोखा दिया है। इस मौके पर पार्षद विवेक राजवंशी, पवन अग्रवाल, विनोद नायक, रमेश आहुजा, देवेन्द्र चौधरी मामा, नरेन्द्र सिंह हाडा, गोपालराम मंडा, ब्रजमोहन गौड, जीएमए प्लाजा अध्यक्ष राकेश जैन, विकास शर्मा, हरीश राठौर, राकेश नायक, सुरेश लखेरा, बॉबी टेलर, मंडल अध्यक्ष विवेक मित्तल, शैलेन्द्र ऋषि, उमेश मेवाडा, रचित जादौन, धनश्याम ओझा सहित कई नागरिक मौजूद रहे।