न्यूजवेव @ कोटा
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (त्रिपल आईटी) कोटा पांच वर्ष बाद भी अपने स्थायी कैंपस के इंजतार में है। ट्रिपल आईटी कोटा 2013 से राजधानी जयपुर में एमएनआईटी के अस्थाई कैंपस में चल रही है। पीपीपी मोड में खुली त्रिपल आईटी के कैंपस निर्माण के लिए केंद्र सरकार से वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है। इसमें चार प्राइवेट पार्टनर वक्रांगी लिमिटेड, जेनपेक्ट, केयर्न इंडिया व एनबीएसी बियरिंग भी अपना फंड दे चुके हैं। राज्य सरकार स्थायी कैंपस के लिए रानपुर में भूमि आवंटित कर चुकी है। इसके बावजूद डीपीआर ठंडे बस्ते में हैं।
कोटा से आईआईटी छिन जाने के बाद नेशनल इंस्टीट्यूट के नाम पर 2013 में ट्रिपल आईटी खोलने की घोषणा की गई थी। इसका प्रथम बैच एमएनआईटी के अस्थाई कैंपस से शुरू किया गया। लेकिन 2017 में 120 स्टूडेंट का पहला बैच पासआउट हुआ लेकिन उन्हें अपने संस्स्थान के कैंपस में पढाई करने का मौका नहीं मिला। 2018 में जोसा काउंसलिंग से त्रिपल आईटी, कोटा में बीटेक की दो ब्रांचों कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग की 120 तथा इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग की 60 सीटों पर एडमिशन चल रहे हैं लेकिन नए सत्र 2018-19 में भी इस संस्थान के स्टूडेंट कोटा में पढ़ाई नहीं कर पाएंगे।
उच्च शिक्षा विभाग ने 2017 में राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी के पेट्रोलियम इंजीनियरिंग विभाग में इसका अस्थायी कैंपस शुरू करने का भरोसा दिलाया था लेकिन एक साल बाद भी इसे कोटा में शिफ्ट नहीं किया गया। 2018 में नए सत्र की शुरूआत होने से पहले एमएचआरडी से इसकी अनुमति का इंजतार है।
एमएनआईटी,जयपुर एवं ट्रिपल आईटी, कोटा के निदेशक प्रो.उदयकुमार आर.येरागेट्टी ने कोटा प्रवास के दौरान बताया कि अस्थाई कैंपस कोटा में प्रारंभ करने के लिए एक कमेटी बनाई गई है, जो आरटीयू में उपलब्ध सुविधाओं पर अपनी रिपोर्ट देगी। हम डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जा चुकीे है। उसे मंजूरी मिलने के बाद स्थायी कैंपस निर्माण में 2 वर्ष लगेंगे।
कोटा में एक भी नेशनल इंस्टीट्यूट क्यों नहीं
आईटी विशेषज्ञों ने हैरानी जताई कि कोटा में त्रिपल आईटी का कैंपस पिछले 5 वर्ष में भी तैयार नहीं हो सका। यदि स्थाई कैंपस बन जाए तो कई देश-विदेश की प्रमुख आईटी कंपनियां कोटा में निवेश करना चाहती हैं। इसकी क्लासेस इसी शैक्षणिक सत्र से कोटा में शुरू करवाने के प्रयास तेज होने चाहिए। अन्यथा यह संस्थान जयपुर में ही खुलकर रह जाएगा।
एजुकेशन सिटी कोटा में नेशनल इंस्टीट्यूट चालू होने पर आईटी से जुडे़ स्टार्टअप, कंसलटेंसी व प्रोजेक्ट्स के कार्यों में तेजी आ सकती है। जिससे कोटा के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को जॉब के नए अवसर मिलेंगे। स्थानीय जनप्रतिनिधी राज्य सरकार पर दबाव बनाएं तो यह संस्थान इसी वर्ष चालू किया जा सकता है। वर्तमान में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी से कोटा को निरंतर औद्योगिक व शैक्षणिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।