तिथी आगे बढ़़ाने के लिए संयुक्त जैन समाज संघर्ष मोर्चा के संयोजक एडवोकेट पूनमचंद भंडारी करेंगे आमरण अनशन
न्यूजवेव @ जयपुर
संयुक्त जैन समाज संघर्ष मोर्चा ने राज्य सरकार से महावीर जयंती (25 अप्रैल) को होने वाली अध्यापक पात्रता परीक्षा (REET) की परीक्षा तिथी एक सप्ताह आगे बढ़़ाने की मांग की है। मोर्चा के संयोजक एडवोकेट पूनम चंद भंडारी ने बताया कि 23 मार्च को जैन समाज की महिलाओं ने शहीद स्मारक पर नवकार मंत्र जाप और उपवास किया। जिसमें सह संयोजक अशोक जैन व डॉ हिमांशु जैन, मृदुला जैन, ममता जैन चांदवड, नीलिमा काला, मैना जैन बड़जात्या, तरुणा जैन,पुष्पा सोगानी, संगीता छाबड़ा, बबीता सोगानी, उमा पाटनी, डॉ शीला जैन, चंपा देवी गोधा, सुनीता शाह, पुष्पा देवी, तरूण जैन, प्रेमचंद जैन पूर्व सरपंच, पार्षद चेतन जैन निमोनिया, भागचन्द जैन, जितेन्द्र जैन जीतूजी सहित 25 समाजबंधु उपवास पर बैठे।
भंडारी ने बताया कि राज्य सरकार ने किसी समाज के महापर्व पर रीट की परीक्षा तिथी घोषित कर जैन समाज के विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित रखने का प्रयास किया है। समाज द्वारा निरंतर विरोध किये जाने के बावजूद सरकार ने इस बारे मंे कोई निर्णय नहीं लिया है, जिससे सम्पूर्ण जैन समाज में आक्रेश व्याप्त है।
उन्होंने कहा कि शुक्रवार को परीक्षा तिथी आगे बढाने के लिये कोई निर्णय नही लिया गया तो शनिवार 24 मार्च से वे आमरण अनशन पर बैठेंगे। चूंकि राज्य सरकार ने शहीद स्मारक पर आमरण अनशन की अनुमति नहीं दी है इसलिए 24 मार्च से ’जैन स्थानक’ हरी मार्ग, मालवीय नगर जयपुर में सुबह 9 बजे से आमरण अनशन प्रारंभ होगा। सरकार की हठधर्मिता से सम्पूर्ण जैन समाज आंदोलित है। प्रदेश के कई सामाजिक संगठनों ने जैन समाज की मांग को न्यायोचित बताया है ।
संगठनों का कहना है कि परीक्षा की तारीख नहीं बढ़ाना अहिंसक जैन समाज की धार्मिक भावनाओं पर कुठाराघात है। जैन समाज का वर्ष में एक ही बड़ा त्यौहार महावीर जयंती है जिसकी उपेक्षा करना सरासर गलत है।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने भी जताई आपत्ति
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के वाइस चेयरमेन आतिफ रशीद ने शुक्रवार को राज्य के मुख्य सचिव निरंजन आर्य को पत्र लिखकर इस बात पर आपत्ति जताई कि किसी धार्मिक त्यौहार पर राज्य सरकार द्वारा अवकाश घोषित किया जाता है, उसी दिन प्रतियोगी परीक्षा रीट-2021 आयोजित करना न्यायसंगत नहीं है। चंूकि जैन समाज अल्पसंख्यक समुदाय है ऐसे में उनके महापर्व पर परीक्षा आयोजित करने के स्थान पर तिथी आगे बढाई जाये।