राजस्थान में शिक्षा बचाओ संघर्ष समिति ने दी आर-पार लड़ाई करने की चेतावनी
न्यूजवेव @ जयपुर
राजस्थान के शिक्षामंत्री का बयान अब तूल पकड़ता जा रहा है। शिक्षा बचाओ संघर्ष समिति, राजस्थान की मुख्य समन्वयक हेमलता शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार खुद RTE एक्ट का उल्लंघन कर रही है। राइट टू एजुकेशन एक्ट-2009 के अंतर्गत राज्य सरकारें भी स्कूलों को राशि देने के लिए पाबन्द है। इस अधिनियम की धारा 12(2) के बिंदु नम्बर 6 के अंतर्गत प्रतिपूर्ती राशि विद्यालय को सीधे ही 2 किश्तों में विद्यालय के बैंक खाते में देय होगी।
नियमानुसार 65% राशि केंद्र सरकार से राज्य सरकार को समय पर मिल जाती है जो कि एक्ट में स्पष्ट रूप से अंकित है लेकिन राज्य सरकार ने अपनी हठधर्मिता की सारी हदें पार करते हुए विगत 3 वर्षों का भुगतान स्कूलों को नहीं किया गया है। केंद्र सरकार से 65% राशि उठाकर आपसी मिलिभगत करके खुर्द-बुर्द कर दिया जो बड़ा घोटाला लगता है। अब राजस्थान के सभी प्राइवेट स्कूलों ने यह तय कर लिया है कि जब राज्य सरकार ख़ुद ही सारे नियम कायदे ताक पर रख कर सरेआम नियमों की अवहेलना कर रही है तो प्राइवेट स्कूलों से भी कोई उम्मीद ना रखे।
3 साल से बकाया राशि नही दे रही सरकार
उन्होंने कहा कि राइट टू एजुकेशन एक्ट के अंतर्गत आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को आगे तभी निरन्तर अध्यनरत किया जाएगा जब राज्य सरकार अब तक की बकाया राशि निजी स्कूलों को ब्याज़ सहित देगी। उन्होंने कहा कि आर्थिक तनाव के कारण अब तक 1 दर्जन से ज्यादा स्कूल संचालकों ने आत्महत्या कर ली है। सरकार की शिक्षा के प्रति दोहरी नीति के कारण पहले से ही निजी स्कूल मरणासन्न है, ऐसे हालात में राज्य के शिक्षा मंत्री के बेतुके बयान आना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। अब निजी स्कूल संचालक आर-पार की लड़ाई करने की ठान चुके है और राजस्थान में 50 हज़ार निजी स्कूल व उनमें पढ़ाने वाले 11 लाख शिक्षक व कर्मचारीगण शिक्षामंत्री गोविंदसिंह डोटासरा के विधानसभा क्षेत्र लक्ष्मणगढ़ में महापड़ाव की तैयारी कर रहे है।