कोटा में पहले दिन 429 विद्यार्थियों ने दिया पेपर, 6 जुलाई से सीए इंटरमीडिएट परीक्षा
न्यूजवेव @ कोटा
द इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स इंडिया (ICAI) द्वारा सोमवार 5 जुलाई से देशभर में सीए फाइनल परीक्षा प्रारंभ की गई। कोटा में दो परीक्षा केंद्रों पर पहले दिन 429 परीक्षार्थियों ने फाइनल परीक्षा दी। मंगलवार से सीए इंटरमीडिएट (IPC) परीक्षा प्रारंभ होगी, जिसमें 268 परीक्षार्थी शामिल होंगे। दोनों परीक्षाओं में कुल 697 विद्यार्थी 20 जुलाई तक ऑफलाइन पेपर देंगे।
सीए कोटा ब्रांच के चेयरमैन सीए लोकेश माहेश्वरी ने बताया कि कोटा में लारेंस एंड मेयो स्कूल, श्रीनाथपुरम में 230 सीए फाइनल एवं 159 इंटरमीडिएट परीक्षार्थी एवं अकलंक स्कूल, बसंत विहार में 199 सीए फाइनल व 109 विद्यार्थी इंटरमीडिएट परीक्षा देंगे। आईसीएआई ने प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर दो-दो ऑब्जर्वर नियुक्त किये हैं। पेपर्स बैंकों में सुरक्षित ढंग से रखे जाते हैं। कोविड प्रोटोकाल के तहत प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर रूम एवं फर्नीचर को सेनेटाइज किया गया। प्रवेश द्वार पर थर्मो स्केनिंग करके विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया। सभी परीक्षार्थियों ने 3 घंटे मास्क पहनकर सोशल डिस्टेसिंग के साथ पेपर दिया। दो गज की दूरी रखते हुये एक कमरे में 12 परीक्षार्थी पेपर दे रहे हैं।
जनवरी,2021 में हुई सीए फाइनल परीक्षा में देशभर में लगभग 24,000 परीक्षार्थियों ने ओल्ड कोर्स की परीक्षा एवं 48,000 विद्यार्थियों ने नये कोर्स की सीए फाइनल परीक्षा दी थी।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार, आईसीएआई ने 15 अप्रैल,2021 के बाद से कोरोना महामारी से प्रभावित विद्यार्थियों को जुलाई,2021 में परीक्षा से बाहर रहने का अवसर दिया है। ये विद्यार्थी नवंबर,2021 में परीक्षा दे सकेंगे। गौरतलब है कि केवल काठमांडू (नेपाल) में सख्त लोकडाउन लागू होने से वहां के परीक्षा केंद्रों पर 5 जुलाई से होने वाली सीए फाइनल व आईपीसी परीक्षायें स्थगित की गई है।
प्रदेश में चालू हों स्कूल व कोचिंग संस्थान
सीए ब्रांच चेयरमैन लोकेश माहेश्वरी, वरिष्ठ सीए पवन लालपुरिया, सीए प्रीतम गोस्वामी सहित कई शिक्षाविदों ने कहा कि कोटा में सीए की ऑफलाइन परीक्षायें कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुये शांतिपूर्ण ढंग से प्रारंभ हो गई हैं। इससे शिक्षा नगरी में स्कूलों एवं कोचिंग विद्यार्थियों में भी फिर से क्लासरूम पढाई करने का विश्वास पैदा हुआ है। राज्य सरकार को प्रदेश में स्कूल व कोचिंग संस्थानों को पुनः चालू करने पर गंभीरता से विचार करना चाहिये।