नवनीत कुमार गुप्ता
न्यूजवेव@ नई दिल्ली
जोश, जुनून और जज्बा इसी का दूसरा नाम है-साइंस फ्यूजन। 23 से 30 मई तक विज्ञान प्रसार द्वारा आयोजित साइंस फ्यूजन कार्यक्रम में देशभर के स्कूली विद्यार्थियों ने प्रयोग, अवलोकन, परीक्षण और एक्टिविटी के माध्यम से साइंस की बारीकियों को समझा।
साइंस फ्यूजन प्रोग्राम का शुभारंभ 23 मई को नोएडा सेक्टर-62 में मौसम पूर्वानुमान केन्द्र (NCMRFW) सभागार में हुआ। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि नवोदय विद्यालय समिति के उपायुक्त ज्ञानेन्द्र कुमार रहे। विशिष्ट अतिथि मौसम पूर्वानुमान केन्द्र के प्रमुख डॉ. ए.के.मित्रा एवं विज्ञान प्रसार के निदेशक डॉ. नकुल पाराशर ने गरिमा को बढाया। पहले दिन प्रथम सत्र फन विद् मैथेमेक्टिस पर आधारित था जिसमें मैक्स केनवास की अपूर्वा भाटिया ने गणित को मनोरजंक तरीके से समझाया दूसरे तकनीकी सत्र “खिलौनों में विज्ञान कैसे कार्य करता है” पर रहा। सत्र के विशेषज्ञ सीएसआईआर-निस्पर से सेवानिवृत्त वैज्ञानिक डॉ. सुरजीत डबास थे। अंतिम सत्र कृत्रिम घोंसलों के निर्माण पर था। विज्ञान प्रसार से श्रीमति रीता, डॉ. इरफाना, श्रीमति छबी एवं कुलदीप सिंह द्वारा घोंसलों को बनाना सिखाया। बाद में इन घोंसलों को परिसर में पेड़ों पर लटकाया।
साइंस फ्यूजन के दूसरे दिन पहला सत्र साइंस में कविता लेखन और पोस्टर पर रहा। इस सत्र की विशेषज्ञ बाल भवन की पूर्व निदेशक एवं प्रसिद्ध लेखिका डॉ. मधु पंत थी। सत्र में बच्चों ने विज्ञान कविताओं की रचना की। जिसमें पांच कविताओं को पुरस्कृत किया गया। बच्चों ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विकास संबंधी पोस्टर भी बनाए। दूसरे सत्र में फन विद् लाईट पर था। इस सत्र में जॉय ऑफ लर्निंग फाउंडेशन से विशेषज्ञ आशी मानसिंह ने रोचक गतिविधियों कीं। तीसरा सत्र फन विद् साउंड पर था। इस सत्र में जॉय ऑफ लर्निंग फाउंडेशन से विशेषज्ञ मनीषा यादव एवं उनके अन्य साथियों ने ध्वनि को समझाने वाले रोचक प्रयोगों को दिखाया। दूसरे दिन के अंतिम सत्र में विज्ञान प्रसार के वैज्ञानिक कपिल त्रिपाठी ने एक्टिविटी बेस्ड साइंस लर्निंग को समझाया।
साइंस फ्यूजन के तीसरे दिन 25 मई को डॉ. इरफाना बेगम ने माइक्रोस्कोप पर बात की। अगले दिन दूसरा सत्र “नो योर फूड हैबिट” पर था। सत्र में प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. स्वाति माहेश्वरी ने बच्चों को संतुलित आहार के बारे में जानकारी दी। तीसरे दिन एयरोडायनोमिक्स पर पुणे के डॉ. माधव खरे ने रोचक प्रयोगों के माध्यम से वायुगतिकी के सिद्धांत समझाए।
26 मई को चार सत्रों में पहले सत्र में विज्ञान प्रसार में वैज्ञानिक डॉ. टी.वी. वेंकटेश्वर ने रोचक “व्हाई डज साइंस नॉट बिलीव इन ड्रैगन बट डायनासोर्स” पर रोचक व्याख्यान दिया। बच्चों ने इस सत्र में डायनासोर, ड्रेगन, भूत आदि से जुड़ें रोचक सवाल पूछे। दूसरा सत्र ओरिगेमी पर आधारित था। जिसमें विज्ञान प्रसार से श्रीमती रीता ने बच्चों को पेपर से रोचक कलाकृतियां बनाना सिखायी। तीसरा सत्र दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. इंद्रकांत सिंह ने लिया। जिसमें बॉयालोजी मीट्स कम्प्यूटर फन एंड फंडामेंटल विषय पर रोचक व्याख्यान दिया। इस सत्र में विद्यार्थियों ने जीवविज्ञान की बारिकियां जानीं। चौथा सत्र रसायन विज्ञान के प्रयोगों पर आधारित था। इसमें दिल्ली शिक्षा विभाग से आए डॉ. नरेन्द्र सिंह ने रोचक प्रयोगों के माध्यम से रसायन विज्ञान को समझाया।
27 मई को विज्ञान प्रसार के डॉ.बी.के. त्यागी ने जलवायु परिवर्तन गतिविधि किट का प्रदर्शन किया। यह सत्र जलवायु परिवर्तन की संभावित चुनौतियों और खतरों के बारे में आगाह करने हुए पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता पर आधारित था। दूसरे सत्र में विज्ञान प्रसार के वैज्ञानिक कपिल त्रिपाठी द्वारा भूकंप किट का प्रदर्शन किया गया। इस सत्र में भूकंप के कारणों और बचाव पर विस्तार से चर्चा की गयी। 27 मई के तीसरे सत्र में राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान यानी एनसीएम आरएफडब्ल्यू स्थित सुपर कम्प्यूटर दिखाया गया। सुपर कम्प्यूटर के बारे में राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बी.अतियमन ने बच्चों से बात की। 27 मई को शाम को खगोलविज्ञान पर एक सत्र के साथ “नाईट स्काय वाचिंग” गतिविधि का आयोजन किया। भोपाल से आए मुकेश कुमार ने इस सत्र का संचालन किया।
नेचर वॉक का आयोजन
साइंस फ्यूजन के छठे दिन 28 मई 2022 को राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केन्द्र के परिसर में सुबह नेचर वॉक का आयोजन किया गया। इस अवसर पर डब्ल्यू डब्ल्यू एफ फाउंडेशन के डॉ. इश्तियाक ने जैवविविधता के महत्व के बारे में बताया। परिसर में उपलब्ध पेड़-पौधों एवं उनके महत्व के बारे में बताया। दूसरे सत्र में विज्ञान प्रसार में वरिष्ठ सलाहकार मीडिया सौरव सेन ने इंडिया साइंस, विज्ञान प्रसार की एक गतिविधि इंगेज विद् साइंस के बारे में जानकारी दी। विज्ञान नाटकों पर सत्र में दिल्ली शिक्षा विभाग से आए शिक्षकों ने विज्ञान नाटक का मंचन करने के साथ ही विज्ञान नाटक पर कार्यशाला आयोजित की।
अंतिम दिन 30 मई को पहले सत्र में सप्रो इलेक्ट्रानिक्स, गाजियाबाद के संजीव मलिक ने रोबोट बनाना सिखाए। तीसरे सत्र में एम्स के प्रसिद्ध मनोचिकित्सक डॉ. नंद कुमार के समूह ने स्ट्रेस रिलीविंग एक्सरसाइज करवायी। समापन सत्र के विशेष अतिथि डीआरडीओ से सेवानिवृृत्त वैज्ञानिक एवं प्रसिद्ध विज्ञान लेखक सुभाष लखेड़ा ने वैज्ञानिकों के रोचक संस्मरण भी सुनाए। इस अवसर पर विज्ञान प्रसार के कुलसचिव इन्द्रजीत सिंह भी उपस्थित रहे।
विज्ञान प्रसार के वैज्ञानिक कपिल त्रिपाठी कार्यक्रम के प्रभारी थे। विज्ञान प्रसार में परियोजना अधिकारी डॉ. इरफाना बेगम ने इस कार्यक्रम का समन्वय किया। इस कार्यक्रम में बच्चों, विशेषज्ञों और विज्ञान प्रसार के सभी सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। 2015 से साइंस फ्यूजन कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।