न्यूजवेव @ कोटा
शिक्षा नगरी में पिछले छह वर्षों से राष्ट्रीय शिक्षा संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (ट्रिपल आईटी-कोटा) के स्थायी कैंपस का निर्माण नहीं हो सका है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव पंकज मेहता ने कहा कि वर्ष 2013 से ट्रिपल आईटी-कोटा की कक्षाएं एमएनआईटी, जयपुर के अस्थाई कैंपस में चल रही है। कोटा-बूंदी सांसद ओम बिरला लोकसभा अध्यक्ष होने के नाते एमएचआरडी मंत्री से ट्रिपल आईटी कोटा के स्थायी कैंपस की निर्माण स्वीकृति अतिशीघ्र जारी करवाने के लिये प्रयास करें।
चार प्राइवेट पार्टनर कंपनियां
मेहता ने बताया कि वर्ष 2013 में पीपीपी मोड में कोटा में खोले गये नेशनल इंस्टीट्यूट के कैंपस निर्माण के लिए राज्य सरकार रानपुर में भूमि आवंटित कर चुकी है। इसके बावजूद इसके निर्माण की डीपीआर ठंडे बस्ते में हैं। केंद्र सरकार की वित्तीय स्वीकृति के पश्चात् चार प्राइवेट पार्टनर कंपनियां वक्रांगी लिमिटेड, जेनपेक्ट, केयर्न इंडिया व एनबीएसी बियरिंग अपनी निवेश राशि दे चुकी हैं।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में इसका प्रथम बैच एमएनआईटी के अस्थाई कैंपस से शुरू किया गया, जहां से 2017 में 120 स्टूडेंट का पहला बैच पासआउट हुआ लेकिन उन्हें कोटा के कैंपस में पढाई करने का मौका नहीं मिला। इस वर्ष भी जोसा काउंसलिंग से त्रिपल आईटी, कोटा में बीटेक की दो ब्रांचों कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग की 120 तथा इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग की 60 सीटों पर प्रवेश दिये जाएंगे लेकिन नए सत्र 2019-20 के विद्यार्थी कोटा में रहकर पढ़ाई नहीं कर पाएंगे।
उच्च शिक्षा विभाग ने 2017 में राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी के पेट्रोलियम इंजीनियरिंग विभाग में इसका अस्थायी कैंपस शुरू करने का भरोसा दिलाया था लेकिन 2018 में भी केंद्र सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अस्थाई कैंपस को कोटा में शिफ्ट करने की अनुमति नहीं दी।
स्थायी कैंपस निर्माण में 2 वर्ष लगेंगे
एमएनआईटी,जयपुर एवं ट्रिपल आईटी, कोटा के निदेशक प्रो.उदयकुमार आर.येरागेट्टी के अनुसार, अस्थाई कैंपस कोटा में प्रारंभ करने के लिए एक कमेटी बनाई गई, जिसने आरटीयू में उपलब्ध सुविधाओं पर अपनी रिपोर्ट दी है। हम डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जा चुकीे है। उसे मंजूरी मिलने के बाद स्थायी कैंपस निर्माण में कम से कम 2 वर्ष लगेंगे।
कोटा में नेशनल इंस्टीट्यूट क्यों नहीं
आईटी विशेषज्ञों व शिक्षाविदों ने आश्चर्य जताया कि कोटा में चार सरकारी तथा एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी है लेकिन एक भी नेशनल इंस्टीट्यूट आज तक नहीं खुल सका। यदि त्रिपल आईटी कोटा का स्थाई कैंपस शहर में बन जाए तो कई देश-विदेश की प्रमुख आईटी कंपनियां कोटा में निवेश करना चाहती हैं। जिससे कोटा निकट भविष्य में आईटी हब बन सकता है। प्रत्येक नये सत्र में विद्यार्थियों को बीटेक के लिये इस संस्थान में प्रवेश दिये जा रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार की उपेक्षा से यह संस्थान कोटा को पहचान नहीं दिला सका।
मेहता ने कहा कि शिक्षा नगरी में इसके चालू होने पर आईटी से जुडे़ स्टार्टअप, कंसलटेंसी व प्रोजेक्ट्स कार्यों में तेजी आ सकती है। जिससे कोटा के इंजीनियरिंग विद्यार्थियों को जॉब के बेहतर अवसर मिलेंगे। मेहता ने कहा कि वे कई बार एमएचआरडी को पत्र लिखकर स्थायी कैंपस का निर्माण चालू करवाने की मांग कर चुके हैं।