न्यूजवेव @ मेरठ
लाइफ वे टेक इंडिया प्रा.लि. की ओर से बागपत-बाईपास क्रॉसिंग स्थित मेरठ इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (एमआईईटी) में सोमवार को ‘फ्यूचर कंप्यूटिंग एंड कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी’ विषय पर एक दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई।
कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रोफेसर कमांडर भूषण दीवान, विशिष्ट अतिथि श्रीमती एस. वललिथे (महानिदेशक, इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड), लाइफ वे टेक इंडिया लिमिटेड के निदेशक डॉ. सुनील कुमार, मुख्य वक्ता डॉ. संध्या तरार, एमआईटी के उपाध्यक्ष पुनीत अग्रवाल, निदेशक डॉ. मयंक गर्ग, कार्यक्रम संयोजक डॉ. प्रदीप पंत, योगेंद्र प्रजापति ने सामूहिक दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस मौके पर अतिथियों ने इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस की स्मारिका का विमोचन भी किया।
इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड की महानिदेशक विशिष्ट अतिथि श्रीमती एस.वललिथे ने कहा कि देश में प्रतिवर्ष 1 से 1.5 करोड शिक्षित युवा रोजगार की श्रेणी में आ रहे हैं, इसलिए उद्योगों और एजुकेशन संस्थानों को स्किल डेवलपमेंट के साथ एक सक्षम मैथेडोलॉजी सिस्टम बनाने की सख्त आवश्यकता है, जिससे युवा रोजगार के सही अवसर पा सके।
आने वाले कल में होंगी स्मार्ट फैक्ट्री
उन्होंने चौथी औद्योगिक क्रांति यानि इंडस्ट्री 4.0 का जिक्र करते हुए कहा कि इंडस्ट्री 4.0 “स्मार्ट फैक्ट्री” के कार्य करने के दृष्टिकोण को आसान बनाता है। उद्योगों में बहुत से ऑटामेशन अपडेट,,डाटा एक्सचेंज तथा मैन्यूफैक्चरिंग टेक्निक को सम्मिलित करता है ।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर कमांडर भूषण दीवान ने शिक्षकों और शोधकर्ताओं से कहा कि शिक्षक क्लासरूम में इस तरह का माहौल बनाकर पढ़ाएं, जिससे छात्र की पढ़ने में रुचि जागृत हो और वह अपने शिक्षक से बेझिझक कोई सवाल पूछ सकें। शिक्षकों को थ्योरी नॉलेज के स्थान पर प्रेक्टिकल नॉलेज से छात्रों को तैयार करना होगा
लाइट वे टेक इंडिया लिमिटेड के निदेशक सुनील कुमार ने बताया कि कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य शिक्षकों और शोधकर्ताओं को टेक्नोलॉजी और इनोवेशन के प्रति जागरूक करना है। शिक्षकों और शोधकर्ताओं को एक मंच मिलने से तकनीकी भविष्य का निर्माण हो सकेगा।
डॉ निरंजन लाल ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में देश-विदेश से 125 रिसर्च पेपर आए थे जिसमें से 37 रिसर्च पेपर को चयन किया गया। इनमें आईआईटी, एनआईटी ट्रिपल आईटी, इंजीनियरिंग कॉलेज और यूनिवर्सिटी आदि सम्मिलित हुए ।
मुख्य वक्ता प्रो.संध्या तरार ने कहा कि एक दशक पहले भारत ने अपने सॉफ्टवेयर के जरिए देश में माइक्रोसॉफ्ट को अपनाने में सफलता हासिल की। भारत ने इसकी कीमत कम करने के उपायों के तहत भारत के उत्पाद स्थानीय डाटा सेंटर और रिसर्च लैबोरेट्री के जरिए भारतीय सॉफ्टवेयर सिस्टम विकसित करने में काफी निवेश किया ।
यूनिवर्सिटी ऑफ कवा जुला नेटल ,डरबन, साउथ अफ्रीका से डॉ मयंक सिंह ने रनसोमवारे वायरस के बारे में बताया कि इस वायरस ने पूरी दुनिया को नुकसान पहुंचाया। इस वायरस ने कंप्यूटर को अपनी चपेट में लेकर कुछ ही घंटों में 2 लाख कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाया। साथ ही, बड़ी-बड़ी कंपनियों का डाटा अपने कब्जे में ले लिया। डॉ मयंक ने इस वायरस से बचने के तरीकों के बारे में बताया ।
इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में मुख्य वक्ता डॉक्टर मयंक सिंह मनीष मधुकर डॉ विनीता खेमचंदानी ने शिक्षकों और शोधकर्ताओं को अपने शोध के बारे में बताया। आयोजक डॉ प्रदीप पंत, योगेंद्र प्रजापति, निधि त्यागी, मुकेश रावत, पुनीत मित्तल, डॉ विमल कुमार आदि ने सबाका आभार जताया। इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस को कॉलेज दुनिया, जीआईएसआर फाउंडेशन, आईपी मूमेंट,प्रिंट कैनवस ने स्पॉन्सर कर सफल बनाया।