कथा समापन: नाहरसिंगी माता मंदिर में श्रीमद् भागवत के समापन में भावविभोर हुए हजारों भक्ता, फूलों की होली के साथ हुआ समापन
न्यूजवेव @ कोटा
नाहरसिंगी माता मंदिर धर्मपुरा में 11 अक्टूबर से चल रही कथा का समापन बुधवार 17 अक्टूबर को हुआ। इस अवसर पर सैंकड़ों महिलाऐं भावविभोर हो उठीं और उनकी अश्रुधारा बह निकली। कथा के अंतिम दिन आचार्य मृदुल कृष्ण ने कहा कि अपनी वाणी से व्यक्ति केवल प्रभू का नाम जपता रहे तो दुनिया की सबसे मीठी वस्तु यही लगने लगेगी।

उन्होंने सुदामा चरित्र प्रसंग सुनाते हुए कहा कि सुदामा के पास प्रभू नाम रूपी धन था। हर पल वो प्रभूनाम में ही लीन रहते थे। उन्हें दुनिया में सबसे मीठी वस्तु यही लगती थी। उनके इस समर्पण भाव से स्वयं प्रभू बहुत प्रभावित हुए और स्वंय उन्हें लेने गए।
उन्होंने कहा कि मनुष्य कितना भी सांसारिक कार्य करता रहे किन्तु अंत में उसे प्रभू की शरण में जाना ही पड़ता है। इसलिए जब भी संभव हो, प्रभू गुणगान का नियमित समय आवश्य निकालना चाहिए।
नाहरसिंगी माता मंदिर ट्रस्ट की प्रशंसा करते हुए आचार्यश्री ने कहा कि प्रतिदिन शहर के दूरदराज क्षेत्रों से भक्तगणों को लेकर आना और छोड़कर आना भी एक तप की तरह है।
भक्तिमय हो उठा कथा पाण्डाल

कथा समापन के पूर्व आचार्य मृदुल कृष्ण महाराज ने जब फूलों की होली के साथ भजनों की रसधारा प्रवाहित की तो पांडाल भक्तिमय हो उठा और उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर होकर झूमने लगे। अंत में कोटा उत्तर विधायक प्रहलाद गुंजल एवं नाहरसिंगी माता मंदिर ट्रस्ट के सभी पदाधिकारियों ने श्रीमद् भागवत की आरती की।
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