आरटीयू का 9वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न, राज्य के 96 इंजीनियरिंग कॉलेजों में मिलेंगी 25,604 डिग्री
न्यूजवेव@ कोटा
राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (RTU) के 9वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि भविष्य में इंजीनियरिंग की पढ़ाई ब्लेकबोर्ड पर कम और लेबोरेट्री में अधिक होनी चाहिये। इंजीनियरिंग विद्यर्थियों को इंडस्ट्री में आ रहे नये बदलावों को देखते हुये प्रेक्टिकल लर्निंग पर फोकस करना होगा।
डॉ. गर्ग ने कहा कि तकनीकी शिक्षा सेल्फ एम्पलायमेंट का सेतु बन सकती है। यूनिवर्सिटी में ऐसे उच्च शिक्षित इंजीनियर तथा प्रोफेशनल्स तैयार करें जिनमें नवाचार करने का जज्बा हो। इसके लिये शिक्षाविदों को सिलेबस में बदलाव करने की पहल करनी होगी। इंजीनियरिंग कोर्सेस के सिलेबस में सोशल साइंस, हिस्ट्री, हृयूमन वैल्यू जैसे क्षेत्रों की जानकारी भी देनी होगी। डॉ. गर्ग ने कहा कि देश में आईआईटी एवं एम्स की क्वालिटी एजुकेशन के कारण ही दुनिया में अलग पहचान है। इसे यूनिवर्सिटी व कॉलेज लेवल पर भी बरकरार रखना होगा। उन्होंने दीक्षांत समारोह विश्वविद्यालय परिसर में ही आयोजित करने का सुझाव दिया।
डिग्री को केवल मार्क्स तक सीमित न रखें
विशिष्ट अतिथि आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो. पी.के.जैन ने कहा कि एडवांस टेक्नोलॉजी के दौर में इंजीनियरिंग विद्यार्थियों के सामने कई नई चुनौतियां सामने आयेंगी। उन्हें नई लर्निंग के लिये डिजिटल माध्यमों से अपडेट रहना होगा। स्किल इंडिया में प्रत्येक इंजीनियर अपने क्षेत्र के अनुभव से स्टार्टअप प्रारंभ कर सकते हैं। डिग्री को केवल मार्क्स तक सीमित नही रखें, अपने स्किल को भी उसमें जोडें। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक का उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, यातायात की बेहतर सेवाएं, वैकल्पिक ऊर्जा, निर्माण उद्योग एवं स्मार्ट सिटीज को बेहतर बनाने जैसे कार्यों में कर सकते हैं।
अध्यक्षता करते हुये कुलपति प्रो. आर.ए.गुप्ता ने आरटीयू का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 96 कॉलेज विश्वविद्यालय से सम्बद्ध हैं जिनमें एआईसीटीई द्वारा तैयार किये गये सिलेबस के अनुसार अंक प्रणाली के स्थान पर ग्रेडिंग सिस्टम को लागू किया है। कुलसचिव सुनीता डागा ने दीक्षांत समारोह में दी जाने वाली उपाधियों के बारे में जानकारी दी।
25,604 स्टूडेंट्स को प्रोफेशनल डिग्री
दीक्षांत समारोह में 6 वर्षों में सवोच्च अंक प्राप्त करने वाली एमटेक छात्रा कु. स्वाति विजय को कुलाधिपति स्वर्ण पदक तथा बीटेक छात्रा जया मित्तल को कुलपति पदक प्रदान किया गया। दीक्षांत समारोह में 25604 विद्यार्थियों को कॉलेजों में उपाधियां वितरित करने की अनुमति दी गई। इनमें बीटेक की 22284, बीआर्क की 180, बीबीए की 32, होटल मैनेजमेंट की 17, एमटेक की 643, एमआर की 8, एमबीए की 1553, एमसीए की 872, पीएचडी की 15 उपाधियां प्रदान की जायेंगी। तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री ने यूआईटी ऑडिटोरियम परिसर में पौधारोपण किया। इस अवसर पर शिक्षाविदों, गणमान्य नागरिकों सहित राजीवगांधी स्टडी सर्किल के अनुज विलियम्स भी उपस्थित रहे।