ISTD कोटा चेप्टर द्वारा कॉलेज विद्यार्थियों में रोजगार अभिवृद्धि पर सेमिनार में आईआईएम, इंदौर के प्रोफेसर ने दिए मंत्र
न्यूजवेव@ कोटा
IIM इंदौर के प्रोफेसर पवन कुमार सिंह ने कहा कि नॉलेज विद्यार्थी जीवन का पहला पडाव है, जो 360 डिग्री एप्रोच से मिलता है, इसका कोई शार्टकट नहीं हो सकता। आज ज्ञान के रास्ते पर चलना तलवार की धार पर चलने के समान है। इसलिये रोज थोडा मुस्कराओ और आंखें हमेशा खुली रखो, फिर आपकी योग्यता व क्षमता अलग दिखाई देगी।
ISTD कोटा चेप्टर द्वारा ओम कोठारी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट सभागार में आयोजित सेमिनार में प्रो. सिंह ने यह बात कही। एमबीए एवं बीएड स्टूडेंट्स से संवाद में उन्होंने कहा कि आगे बढने के लिये पांच बातों पर फोकस करें। पहला, नॉलेज जिससे आपकी क्षमता व योग्यता बढेगी। दूसरा, संवाद क्षमता। पढते हुए अपने आंख,कान,नाक सब खुले रखें, जिज्ञासु होकर शिक्षक से पूछते रहें। तीसरा, प्रेक्टिकल एप्रोच अर्थात् कॉलेज में प्रत्येक एक्टिविटी से जुडे़ रहें। इससे किताबों से बाहर की दुनिया को समझेंगे। चौथा, आंतरिक संतुलन अर्थात् पॉइज बनाए रखें। इससे मन स्थिर रहेगा। उन्होंने कहा कि असली ज्ञान वह है तो मृत्युशैया तक साथ दे। इंटरव्यू से पहले हमेशा गहरी, धीमी और निरंतरता से सांस लेते रहें। पांचवा, हर पल सहज रहें। मैं पहले से सलेक्ट हूं, यह सोचकर इंटरव्यू के लिये हमेशा तैयार बने रहें, जिससे नेचुरल परफॉर्मेंस दिखा पाएंगे।
प्रो. सिंह ने कहा कि ‘मन की दौलत हाथ आती है तो फिर जाती नहीं है। तन की दौलत छांव है, आता है तन तो जाता है मन।’ अर्थात् हर कोई बुद्धिमान होता है, हमें सिर्फ अपनी पहचान नहीं हो पा रही है। बीएड विद्यार्थियों से कहा कि शिक्षक ऐसा पढाएं कि बच्चों में सीखने की प्यास पैदा कर दे। पहले जिज्ञासा पैदा करें, फिर सिखाएं। मैथ्स मुस्कान देने वाला एक टूल है, जो इसे नहीं समझ पाते हैं वे इससे भी ज्यादा जानते हैं।
ग्लौरी व ग्लैमर को साथ लेकर चलें
उन्होंने कहा कि हार्वर्ड गार्डनर ने 9 तरह के इंटेेलीजेंस बताए हैं, इनमें पहले दो मौखिक और दूसरा संख्यात्मक महत्व रखते हैं। ज्ञान की ताकत और संवाद की क्षमता से खुद का स्पेस बनाएं। आज के विद्यार्थियों में कम्यूनिकेशन स्किल कम होने से वे झिझक रखते हैं। इसके लिये ग्लौरी एवं ग्लैमर के साथ सोचते हुये सोने में सुहागा जैसा अनुभव करेंगे। ग्रेजुएशन में पढते हुये पीजी के बारे में सोचें, समय की चोरी करना सीखें। हर माह अपने क्षेत्र से जुडी दो मैग्जीन पढें, रूचि व नॉलेज के लिये न्यूजपेपर अवश्य पढें।
ISTD कोटा चेप्टर की चेयरपर्सन अनिता चौहान ने बताया कि संस्था के स्वर्णजंयति वर्ष में युवाओं में रोजगार क्षमता विकसित करने के लिये यह उपयोगी सत्र रखा गया। ओम कोठारी इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रो. अमित सिंह राठौड़ ने कहा कि परीक्षा हो या इंटरव्यू, विद्यार्थी हमेशा दिल व दिमाग खुला रखें। वे समाज के लिये क्या नया कर सकते हैं, इस पर सोचें। इस मौके पर स्काउट एवं गाइड के नोडल अधिकारी यज्ञदत्त हाड़ा ने 29 अप्रैल को युवाओं को मतदान अवश्य करने की शपथ दिलाई। संचालन एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रिचा जैन ने किया।