न्यूजवेव@ कोटा
राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय में ‘आउटकम बेस्ड एजुकेशन’ पर चल रही तीन दिवसीय वेबीनार के दूसरे दिन राज्य के तकनीकी शिक्षा विभाग की शासन सचिव श्रीमति शुचि शर्मा ने मुख्य अतिथी के रूप में शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि आरटीयू, कोटा द्वारा इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट आदि कासेर्स के कॅरिकुलम को इंडस्ट्री की जरूरत के अनुसार संशोधित किया जाना अच्छा कदम है। इसमें आनंदम का जोड़ा जाना दूरगामी परिणाम देगा । उन्होंने एक्रीडिटेशन के साथ ही एनआईआरएफ रैंकिंग हेतु कदम उठाने का सुझाव दिया।
आरटीयू के कुलपति प्रो.राम अवतार गुप्ता ने श्रीमती शर्मा द्वारा यूनिवर्सिटी में टीचर्स के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के लिये पिछले 8 माह से चल रहे प्रयासों का जिक्र किया। साथ ही यूनिवर्सिटी के यूसीई कॉलेज में टीचर्स की नियुक्ति जल्द करने का अनुरोध किया। कुलपति प्रो. गुप्ता ने कहा कि आरटीयू में शिक्षकों के प्रमोशन अथवा नई नियुक्ति होने पर वेतन के लिये राज्य सरकार से फंड नहीं मांग रहे हैं। यदि इंजीनियरिंग कॉलेज में लेक्चरर व प्रोफेसर सहित सभी शैक्षणिक पदों पर नियुक्तियां कर दी जाये तो राजस्थान में उच्च तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता बढेगी। इस मौके पर डीन प्रोफेसर प्रो. अनिल के माथुर ने आरटीयू के बारे में जानकारी दी।
विषय विशेषज्ञ प्रोफेसर संजीव सॉफ्ट ने हर विषय की कोर्स आउटकम की गणना को एक प्रक्रिया के माध्यम से समझाया। 100 से अधिक प्रतिभागियों ने इस ऑनलाइन वेबिनार में हिस्सा लिया तथा 40 से अधिक ने अलग-अलग शहरों में यूट्यूब पर लाइव देखा। सुबह के सत्र में प्रोफेसर प्रीतम सिंह ग्रोवर ने आउटकम बेस्ड एजुकेशन की बारीकियां बताई। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि छात्र को पहले से पता हो उसका मूल्यांकन किस आधार पर किया जाएगा। इससे छात्र की सीखने में रुचि बढेगी और उसका सही मूल्यांकन भी हो पाता है। याद दिला दें कि आउटकम बेस्ड एजुकेशन न केवल उच्च तकनीकी शिक्षा में लागू की जा रही है बल्कि सीएसईबी भी स्कूल स्तर पर पाठ्यक्रम को जोडने के लिये प्रयासरत है।