Friday, 29 March, 2024

सुवि नेत्र चिकित्सालय कोटा में टेक्निस सिनर्जी लेंस का सफल प्रत्यारोपण

देश में पहली बार हुआ बच्चे की आंख में टेक्निस सिनर्जी कंटिनियूस रेंज आफ विजन लैन्स का सफल प्रत्यारोपण

न्यूजवेव@कोटा
सुवि नेत्र चिकित्सालय एवं लेसिक लेजर सेंटर, कोटा में 23 जनवरी को टेक्निस सिनर्जी लेंस का सफल प्रत्यारोपण किया गया। नेत्र सर्जन डाॅ. विदुषी पाण्डेय ने बताया कि 15 वर्षीय बालक कुलदीप मेहरा की दाहिनी आंख में पिछले 2 माह से बहुत कम दिखाई दे रहा था। कुलदीप की दाहिनी आंख का मोतियाबिन्द पक जाने के कारण उसे दिखाई देना बंद सा हो गया था। उसके माता पिता ने कई नेत्र चिकित्सकों से संपर्क किया लेकिन उनके इकलौते पुत्र की नेत्र समस्या का समाधान नही निकल पाया। 23 जनवरी को कुलदीप की दाहिनी आंख का मोतियाबिन्द आपरेशन टोपिकल फेको पद्धति से टेक्निस सिनर्जी लेंस का सफल प्रत्यारोपण सुवि नेत्र चिकित्सालय एवं लेसिक लेजर सेंटर कोटा में डाॅ. सुरेश पाण्डेय द्वारा किया गया।

गौरतलब है कि टेक्निस सिनर्जी लैन्स का प्रत्यारोपण बच्चे की आँख में देश में पहली बार किया गया। सफल आपरेशन के बाद में कुलदीप मेहरा की आंख की रोशनी में आशातीत सुधार हुआ है। अपने इकलौते पुत्र की नेत्र ज्योति लौटने के बाद कुलदीप के माता-पिता ने सुवि नेत्र चिकित्सालय की टीम एवं चिकित्सकों का आभार व्यक्त किया।

क्या है टेक्निस सिनर्जी लेंस ?
नेत्र सर्जन डाॅ.सुरेश पाण्डेय ने बताया की अमेरिका की जोनसन एण्ड जोनसन विजन द्वारा निर्मित टेक्निस सिनर्जी लेंस एक विशेष प्रकार का लेंस है जिसे कंटिनियूस रेंज आफ विजन लैंस भी कहा जाता है। टेक्निस सिनर्जी लेंस प्रत्यारोपण के बाद रोशनी की रेंज दूर से लेकर 33 सेमी. पास तक स्पष्ट हो जाती है। टेक्निस सिनर्जी लैन्स मल्टीफोकल एवं ट्राईफोकल टेक्नोलाॅजी द्वारा निर्मित लैंसों से होने वाली विजुअल गेप्स को कम करते हुए कन्टीन्यूस रेन्ज आफ विज़न को लौटाता है एवं इसके प्रत्यारोपण के बादं दूर पास व बीच की दूरियों का साफ दिखाई देता है। रात्री में होने वाले चकाचौंध भी नहीं के बराबर होती है। जोनसन एंड जोनसन विजन द्वारा निर्मित यह लेंस कम प्रकाष में भी स्पष्ट देखने की क्षमता को बढ़ाता है। वाईलेट फिल्ट्रिंग टेक्नोलाॅजी रात्री में प्रकाश वृत भी कम दिखाई देते है। डाॅ. विदुषी शर्मा ने बताया कि टेक्निस सिनर्जी लेंस अब भारत में प्रत्यारोपण के लिए उपलब्ध होने से मोतियाबिंद रोगियों के लिए यह वरदान साबित हो सकेगा।

(Visited 494 times, 1 visits today)

Check Also

राजस्थान में कैंसर से प्रतिवर्ष 65 हजार दम तोड़ रहे

विश्व कैंसर दिवस: 4 फरवरी पर विशेष, बदलती जीवनशैली से बढ रहा कैंसर राजेंद्र कुमार …

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: