फिल्म दंगल के ‘म्हारी छोरियां छोरा से कम है कै’ डायलॉग से प्रेरित हरियाणा की एक ग्रामीण छात्रा अंजलि पहुंची आईआईटी बॉम्बे की कम्प्यूटर साइंस ब्रांच में
न्यूजवेव @ कोटा
ज्वाइंट सीट अलाटमेंट अथॉरिटी (जोसा) ने जेईई-मेन तथा जेईई-एडवांस्ड परीक्षा की संयुक्त काउंसलिंग में पहले राउंड की सीटें आवंटित कर दी। इसमें वायब्रेंट एकेडमी की दो क्लासरूम छात्राओं ने पहले प्रयास में आईआईटी,बॉम्बे से बीटेक करने का सपना सच कर दिखाया। आईआईटी में 17 प्रतिशत सीटें गर्ल्स के लिये बढने से कोटा की 35 से अधिक कोचिंग छात्राओं को विभिन्न आईआईटी में सीटें आवंटित हुई है।
हरियाणा के महेंद्रगढ़़ जिले के छोटे से गांव रामबास में किसान राजेश की बेटी अंजलि (17) ने जेईई-एडवांस्ड परीक्षा में ओबीसी गर्ल्स केटेगरी में AIR-2 तथा मध्यप्रदेश के बालाघाट की शांभवी पारधी ने AIR-4 अर्जित कर आईआईटी, बॉम्बे की बी.टेक कम्प्यूटर साइंस ब्रांच में दाखिला पक्का कर लिया है। दोनों छात्राओं के अभिभावकों ने कहा कि फिल्म ‘दंगल’ देखकर बेटियों का मनोबल उंचा था और वे कहती थी कि एक दिन वे भी आईआईटी में सलेक्ट होकर दिखायेगी।
मैने खुद से मुकाबला किया
जेईई-एडवांस्ड,2019 में गर्ल्स ओबीसी वर्ग में AIR-2 पर चयनित अंजली के पिता राजेश महेंद्रगढ़ जिले के रामबास में 2 एकड़ भूमि में खेती करते हैं। उसे AIR-807 व ओबीसी वर्ग में रैंक-80 मिली है। 12वीं बोर्ड में 96.4 प्रतिशत अंक तथा जेईई-मेन में ओबीसी AIR-67 अर्जित कर उसने खुद से मुकाबला करते हुये जेईई-एडवांस्ड में ओबीसी गर्ल्स AIR-2 पर कब्जा किया। अंजली की दादी सूरज कौर ने बताया कि हम ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं है। लेकिन पहली बार गांव की बेटी आईआईटी में पढ़ेगी। किसान पिता राजेश 8वीं पास हैं। उन्होंने बताया कि आईआईटी का कभी नाम भी नही सुना था। दो साल वायब्रेट एकेडमी कोटा में पढते हुये वह एनटीएसई व केवीपीवाय में भी चयनित हुई। परिवार की आर्थिक स्थिति साधारण होने के कारण उसने सस्ता मोबाइल रखा और सोशल मिडिया से दूर रही। एक साल मां सुषमा उसके साथ कोटा में रही। अंजली ने बताया कि वायब्रेंट एकेडमी कोटा में उसने वीक पॉइंट दूर किये। पढ़ाई का शांत माहौल मिलने से उसने खुद से कॉम्पिटिशन किया। छोटा भाई आशू भी 11वीं में इसी संस्थान में पढ़ाई कर रहा है।
पहले बीमारी को हराया
बालाघाट मप्र की छात्रा शांभवी पारधी जेईई की तैयारी के लिये जब कोटा आई तो डेढ़ माह तक वह पीलिया की चपेट में आ गई। कोचिंग में पहला टेस्ट भी नहीं दे सकी। यहां से उसने हिम्मत जुटाई और दोगुना मेहनत करने में जुट गई। वायब्रेंट के निदेशकों व शिक्षकों ने उसे सपोर्ट किया, संस्थान के टेस्ट, पैटर्न व नोट्स से उसका मनोबल बढ़ा। मैथ्स में रूचि होने से उसे जेईई-मेन में ओबीसी केटेगरीAIR-234 मिली। वह आईआईटी का सपना लेकर कोटा आई थी। जेईई-एडवांस्ड में ओबीसी गर्ल्स केटेगरी AIR-4 मिलने से उसका सपना सच हुआ। अब आईआईटी, बॉम्बे से कम्प्यूटर सांइस ब्रांच में टॉपर्स के साथ बीटेक करेगी। पिता पाश्वेंद्र पारधा व मां गुणलता ने कहा कि अधिकांश बेटियां मेडिकल में रूचि रखती है लेकिन शांभवी ने चुनौती स्वीकार की। उसने कहा कि केंद्र सरकार ने बेटियों के लिये आईआईटी में सीटें बढ़ाकर हजारों गर्ल्स को प्रोत्साहित किया है। भाई शांतनु अभी एमबीबीएस कर रहे हें।
IIT की 2415 सीटों पर बेटियां
आईआईटी दिल्ली में जेईई (महिला) हेल्प डेस्क के नोडल अधिकारी प्रो. सुमीत अग्रवाल ने बताया कि गत वर्ष 21 आईआईटी संस्थानों में 14 प्रतिशत गर्ल्स सुपर न्यूमरेेरी सीटों पर प्रवेश दिये गये थे, जबकि इस वर्ष 2415 (17 प्रतिशत) सीटों पर छात्राओं को प्रवेश दिये जाएंगे। जेईई-एडवांस्ड,2019 में सभी श्रेणियों से कुल 5356 छात्राओं को क्वालिफाई घोषित किया गया था, जिसमें से 2415 को सीटें आवंटित की जा रही हैं। इसके लिये आईआईटी, दिल्ली में ‘स्पेशल ओपन हाउस’ भी हुआ जिसमें छात्राओं को रैंक के अनुसार संस्थान, ब्रांच चुनने के साथ वर्तमान तथा पूर्व छात्राओं से चर्चा करने का मौका मिला।