मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा सहित सभी प्रभावित जिलों का एरियल सर्वे किया
न्यूजवेव @ जयपुर/कोटा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में जलभराव प्रभावित कोटा, बूंदी, झालावाड़, करौली तथा धौलपुर जिलों का सोमवार को एरियल सर्वेक्षण किया और इन क्षेत्रों में फसलों, जन-धन, पशुओं तथा सार्वजनिक एवं निजी सम्पत्ति को हुए नुकसान का शीघ्र आकलन कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को कोटा एयरपोर्ट पर अधिकारियों से राहत कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि पानी भराव वाले आवासीय क्षेत्रों से नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर भोजन, आवास एवं मूलभूत सुविधाओं की माकूल व्यवस्थाएं की जाये। प्रभावित क्षेत्रों में फसलों, आवासों एवं पशुओं आदि के नुकसान का तत्काल सर्वे करायें। सर्वे में कोई भी पात्र व्यक्ति छूटे नहीं। पानी की निकासी होते ही पेयजल, विद्युत एवं सडक जैसी मूलभूत सुविधाओं को तुरंत बहाल किया जाये। पिछले दो दिनों से कोटा उत्तर की आवासीय कॉलोनियों में पेयजल आपूर्ति ठप हो जाने से नागरिकों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।
5000 को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया
गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नुकसान का आंकलन कर आपदा राहत के तहत तत्काल सरकार को प्रस्ताव भेजें ताकि समय पर प्रभावितों को राहत मिल सके। उन्होंने प्रभारी अतिरिक्त मुख्य सचिव पी.के. गोयल तथा जिला कलक्टर मुक्तानन्द अग्रवाल से एसडीआरएफ तथा सेना द्वारा किए जा रहे राहत कार्यों की जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि 5 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुचाया गया है और राहत शिविरों में लगभग 2,500 लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था चल रही है। मुख्यमंत्री ने चिकित्सा विभाग को संभावित बीमारियों की रोकथाम के लिए निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राहत कार्यों के प्रबंधन में जिला प्रशासन, सेना, पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ ने सराहनीय कार्य किया है, इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।
बाढ़ पीडितों को तत्काल मदद देगी सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार संकट की इस घड़ी में जनता के साथ खड़ी है। मध्यप्रदेश में अप्रत्याशित रूप से भारी वर्षा तथा गांधीसागर बांध से छोड़े गए पानी से चम्बल नदी के बहाव वाले प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति बनी है। राज्य सरकार इस स्थिति को लेकर मध्यप्रदेश सरकार और केन्द्र सरकार से सम्पर्क में है। राणाप्रताप सागर तथा बीसलपुर बांध सहित सभी बांध सुरक्षित है इनके टूटने की आशंका निराधार है।
बरसात में 54 लोगों की मौत
मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात में बिजली गिरने, मकान ढह जाने एवं वर्षाजनित कारणों से कुल 54 मौतें हुई हैं। इनके परिजनों को एसडीआरएफ नियमों से सहायता राशि दी गई है। प्रभावित क्षेत्रों में 10 राहत शिविर खोले गए हैं।
धौलपुर में चंबल के जलस्तर को देखा
मुख्यमंत्री ने धौलपुर में चंबल पुल पहुंचकर चंबल नदी के जलस्तर का अवलोकन किया। उन्होंने प्रमुख शासन सचिव अभय कुमार, जिला कलक्टर नेहा गिरी को नुकसान का सर्वे करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के साथ आपदा प्रबन्धन एवं राहत मंत्री मास्टर भंवरलाल तथा नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल भी रहेे।