Sunday, 28 April, 2024

‘देखन आवे दूर-दूर से,ऐसा गांव बनाना है’

अ.भा. प्रभात ग्राम मिलन की कार्यशाला में संघ के सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा, ग्राम विकास के कार्य नियमित करने से अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे
न्यूजवेव @भेमई
अखिल भारतीय प्रभात ग्राम मिलन के उद्घाटन में पूज्य श्री बापू दलसुख दासजी महाराज संजेली धाम ने कहा कि हिंदू धर्म सृष्टि की उत्पति के समय से है, 33 कोटि देवता हैं। जिनको जिसकी पूजा करनी है करे पर यह निश्चित है कि हम सब हिंदू ही हैं। उन्होने कहा कि मैकाले की शिक्षा योजना से आज मनुष्य मशीन जैसे बन गए हैं। हमारी संस्कृति को हर जगह तोड़ने के प्रयास हुए हैं। डॉ.दिनेशचन्द्र ने कहा हम पाँच वर्ष पूर्व ऐसी प्रभात ग्राम कार्यशाला में बेतूल मिले थे। हर 5 वर्ष में हम अपने कार्यों की समीक्षा के लिए इसी तरह मिलते हैं । प्रांत प्रचारक विजयानंद ने सत्र में अपने विचार रखे।


अखिल भारतीय प्रभात ग्राम मिलन में संघ रचना के 41 प्रांतों से 46 मातृशक्ति सहित 464 प्रतिभागी उपस्थित हुये। देशभर से आए प्रतिभागियों का आवास भेमई सहित आसपास के ग्राम जैसे घाटा का गांव, चीतरी, सेमलिया घाटा आदि में किया गया है। लगभग 150-150 प्रतिभागी सभी गाँवों में हैं। सभी मातृशक्ति एवं ग्राम विकास अधिकारियों का निवास भेमई गांव में ही रखा गया है। राजस्थान क्षेत्र के ग्राम विकास के 30 गाँवों से 60 कार्यकर्ता इस कार्यशाला में उपस्थित हैं। मालवा प्रांत से सर्वाधिक 49 प्रतिभागी हैं।
सभी प्रांत के ग्राम संयोजकों ने अपने-अपने प्रांत के प्रभात ग्राम के शिक्षा, स्वास्थ्य, संस्कार, स्वावलम्बन, समरसता, सुरक्षा, कृषि व पर्यावरण जैसे बिन्दुओं पर कार्यक्रमों की जानकारी दी। संघ के सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत ने सभी की जानकारी को ध्यानपूर्वक सुना। उन्होंने कहा कि ग्राम विकास के कार्य को नियमित करने से निश्चित ही अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे।


कार्यशाला में संघ के अखिल भारतीय अधिकारी श्री भगैय्या, अ. भा. कार्यकारिणी सदस्य, स्वांतरंजन, अ. भा. बौध्दिक प्रमुख , दिनेश कुमार , अ. भा. ग्राम विकास संयोजक, आ. गुरूराज जी , अ. भा. ग्राम विकास सह संयोजक , आ. गुणाकर , अक्षय कृषि परिवार, आ. मनोज भाई सोलंकी , सिद्दीनाथ जी,केन्द्रीय टोली , मिलिन्द जी, ग्राम संकुल उपस्थित रहे। कुल चार सत्रों में आयाम के अनुसार सत्र गोविंद गुरु,संत मावजी, संत सती सूरमाल दास ,वीर कालीबाई आदि पांडाल में हुये।
प्रभात ग्रामों की डॉक्यूमेंट्री भी बनाई गई है, जिसके प्रसारण के लिए भी एक पांडाल तैयार किया गया है। 24 की रात्रि में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बारां के सहरिया जनजाति का लोक नृत्य, गोविंद गुरु पर एक नाटिका और रामदेव जी महाराज के भजनों की प्रस्तुति भी हुई।

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