Thursday, 25 December, 2025

श्री मथुराधीशजी ने चतुर्मास कर कोटा की धरा को पवित्र किया

श्रीमद भागवत कथा के चौथे सोपान में रिमझिम वर्षा के साथ मनाया नंदोत्सव
न्यूजवेव @ कोटा
मानधना परिवार एवं एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट द्वारा कोटा के छप्पनभोग परिसर में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के चौथे सोपान में पूज्यश्री इंद्रेश जी उपाध्याय  महाराज ने कहा कि कोटा की पवित्र धरा पर श्री मथुराधीशजी महाराज ठाकुरजी के बालस्वरूप में विराजित है जिसे नंदग्राम कहा जाता है। यहां के सभी भक्त भाग्यशाली हैं, क्योंकि ठाकुरजी ने यहां चरणचौकी पर चतुर्मास किया था। उसके बाद वे श्रीनाथजी बनकर राजस्थान के ही नाथद्वारा में विराजित हुये।
कथा में सोमवार को नंदोत्सव के अवसर पर पूज्य श्री इंद्रेश महाराज ने कहा कि जिनके चित्त में ठाकुरजी विराजित हों, वहां वे अवश्य प्रकट होते हैं। समधुर भजन ‘गिरधर आओ तो सही…’ सुनाते हुये उन्होंने कहा कि जब ठाकुरजी से मिलने की उत्कंठा प्रबल हो, वहां वे किसी भी स्वरूप में प्रकट हो जाते हैं। कथा स्थल पर इंद्रदेव की कृपा निरंतर जारी है, यहीं भक्ति की परीक्षा है। ठाकुरजी पृथ्वी से प्रकट हों, पर्वत से प्रकट हों, शुद्ध दैविक नदी से प्रकट हों, वृक्ष की जड से प्रकट हों, सालिगराम से प्रकट हों, वो ही स्वयंभू ठाकुरजी हैं।
श्री महाप्रभू-पदमनाथ जी का संवाद सुनाते हुये उन्होंने कहा कि मधुरश्री कृपा का प्राकट्य हैं मथुराधीशजी, जो स्वयं कोटा आकर श्रीवल्लभाचार्य कीे गोद में विराजे हैं। उनके श्रंगार में जलतत्व में शंख, अग्नि स्वरूप में सुदर्शन चक्र, आकाश तत्व में गदा, वायु तत्व में स्वयं का स्वरूप है। भाव बिना सब साधन अधूरे हैं।
भाव के वश में होते हैं भगवान
महाराज ने कहा कि भाव के वश में होते हैं भगवान। कथा-सत्संग में भक्ति भाव से ठाकुरजी की छवि देखने की उत्कंठा होेने से वे किसी भी रूप में प्रकट हो जाते हैं। धर्म के चार गुण हैं। पवित्रता, दया, दान और सत्य। कलियुग एक पैर पर खडा है, उसमें पवित्रता, दया और दान नगण्य हैं। ठाकुरजी से मिलन के लिये समय, आयु, जाति, साधन की भूमिका नहीं होती हैं, कथा श्रवण करने से आपका हृदय परिवर्तन हो जाता है। क्यांेकि मुक्ति मृत्यु पश्चात भगवान के दर्शन कराती है जबकि भक्ति जीते जी भगवान का दर्शन करवाती है। अपने हर कार्य में उनकी छवि को महसूस करते रहो।
भक्तों से खचाखच भरे विराट कथा पांडाल में सुमधुर भजनों के साथ नंदोत्सव मनाया गया। पीत वस्त्रों में सजे महिला-पुरूष भक्तों ने अधुरम…मधुरम..नयनम मधुरम..पर झूमते हुये ठाकुरजी का भावपूर्ण गुणगान किया।
(Visited 110 times, 1 visits today)

Check Also

Fake AI Video Shows FM Nirmala Sitharaman Promoting Investment Scheme Promising ₹5,000 Per Hour

Press Information Bureau’s (PIB) fact-checking unit has termed the video fake and said that it …

error: Content is protected !!