Friday, 26 April, 2024

Tag Archives: Jhlawad

तपों में सर्वश्रेष्ठ तप, प्रायश्चित तप है – सुधा सागर महाराज

चातुर्मास : दूसरे की वस्तु लेने का मन में भाव आना अनिष्ठ का संकेत   न्यूजवेव @ कोटा/खानपुर जो वस्तु तुम्हारे पास नहीं है, दूसरे के पास है, उसे लेने का भाव नहीं करना चाहिए, दूसरे की वस्तु लेने का भाव अनिष्ठ का संकेत है। अपनी गलती के लिए प्रायश्चित …

Read More »
error: Content is protected !!