Friday, 19 April, 2024

ऐसा कोई कोर्स नही जो हृदय को संवेदनशील बना दे- पं.प्रभूजी नागर

बारां जिले के अटरू कस्बे में श्रीमद भागवत ज्ञानयज्ञ महोत्सव

न्यूजवेव@ अटरू/कोटा

मालवा के गोसेवक युवाचार्य पं.प्रभूजी नागर ने कहा कि देश के किसी भी कालेज या यूनिवर्सिटी में ऐसा कोई कोर्स नही, जो हृदय को संवेदनशील बना सके। आज मोबाइल-कम्प्यूटर से बुद्धि तीक्ष्ण हुई लेकिन हृदय में करुणा-संवेदना नही आ सकी।

अटरू में चल रही श्रीमद भागवत कथा के षष्टम सोपान में उन्होने कहा कि परिवार में माँ की आंखों में आंसू वही जानता है, जो सदाचारी-संस्कारी हो। जो करुण हृदय थे, वे आज पत्थर हृदय बनते जा रहे हैं। बच्चों को मोबाइल से हर एक्टर के नाम, फोटो, गाने अवश्य याद हैं लेकिन सीता-पार्वती की चौपाइयां याद नही है। वे अच्छाई से दूर होते जा रहे हैं। पश्चिम की यह नकल हमारी संस्कृति को अस्त कर देगी। जबकि हमे अस्त नही, रोशन होना है।

82 प्रतिशत युवा बिना इंटरनेट नही रह सकते

पूज्य पंडित नागरजी ने कहा कि एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, 82 युवा इन्टरनेट के बिना नही रह सकते हैं। मोबाइल पर माता-पिता या ईश्वर के फोटो हम नही लगाते है। पत्नी कोई शोरूम नही है, जिसके फोटो हम दुनिया मे दिखाकर खुश हो रहे हैं। याद रहे, दिखावा करने से ‘श्री’ चली जाती है। बेटियां यदि शिव-पार्वती की आराधना करें तो उनके जीवन मे कष्ट नही आएंगे, वो सदा सुहागिन रहेगी। लेकिन मोबाइल से सतोगुण पर रजोगुण हावी हो रहे हैं। इससे रिश्तेदार की जगह रिश्ते-दाग हो रहे हैं। नई पीढ़ी को इससे बचाओ।

हरि का आधार तेरे पास हो..

पूज्य पं.प्रभूजी नागर ने भजन ‘मनवा क्यूं फिरे निराधार, तू तो मान ले गिरधार..’ सुनाते हुए कहा कि हम हर लाभ लेने के लिए आधार कार्ड बनवा रहे हैं, इसी तरह पुण्य लाभ के लिए ईश्वर का आधार जरूरी है। हाथ मेंअच्छे कार्य, कानो में कथा श्रवण, वाणी में मधुरता, मन श्रीचरणों में और स्मृति में उसके प्रति प्रणम्य भाव हो तो हरि का आधार कार्ड बन जाता है। मन तू निराश मत हो, जब हरि का आधार तेरे पास हो।

वरदान-आशीर्वाद में अंतर है


पूज्य नागरजी ने कहा कि वरदान तो दुष्ट को भी मिल जाता है, वह नष्ट हो सकता है लेकिन आशीर्वाद केवल सदाचारी को मिलता है, वह कभी नष्ट नही होता। भजन ‘छूट जाये संसार, प्रभू तेरा द्वार न छूटे रे..’ गाते हुए हजारों श्रद्धालु भावविभोर हो उठे।

उन्होंने कहा कि द्वारिकाधीश अविनाशी है। उससे सम्बन्ध जोड़ लो। इस धरा पर सब धरे रह जाएंगे। फिर भी मनुष्य भूस्वामी बनने की होड़ कर रहा है। जमीन पर नाम बदलते रहेंगे। लेकिन जो माला में उसका नाम जपता है, वह अमिट होकर उसके साथ जायेगा। उन्होंने ” गिरधर नही आयो रे….’ भजन सुनाया तो समूचे पंडाल में बैठे 30 हजार से अधिक भक्तों की आंखे नम हो उठी।

हमारी भक्ति में कोई कमी रह गई
खचाखच भरे पंडाल में उन्होंने कहा कि ईश्वर दयालु है, उससेे सम्बन्धों में कोई कमी है। उनकी करुणा,वाणी, ममता या दर्शन में कोई कमी नही, उनकी भक्ति, पात्रता, श्रवण, योग्यता या नेत्रता में हमारी कोई कमी रह गई है। हम अपने ही दोष से अयोग्य बन रहे है। उन्होंने कहा कि अर्थ और काम भगवान के हाथ मे है जबकि धर्म व मोक्ष खुद के हाथ मे है। आज हम इससे उल्टा कर रहे हैं। प्रभू समदर्शी है। आप सुपात्र-सुयोग्य बनकर रहे तो मान लेना आपके अंदर हरि का अंश है।

कथा के समय अटरू के प्रतिष्ठान बंद

इन दिनों समूचे अटरू नगर में कथा के समय व्यापारी अपने प्रतिष्ठान बंद करके पूज्य प्रभूजी नागर के ओजस्वी प्रवचन सुनने पहुंच रहे हैं। कथा का पुण्य लाभ लेने के लिए 7 दिन तक अटरू में कृषि उपजमंडी भी स्वेच्छिक बन्द रखी गई है। 150 से अधिक युवाओं की टीम कथा की व्यवस्थाओं में जुटी हुई है। नगर में चारों और जगमग रोशनी से उत्सवी वातावरण देखने को मिल रहा है। मंगलवार को श्रीमद भागवत महायज्ञ में अंतिम सोपान के साथ पूर्णाहुति होगी।

गोशाला में 100 गायों की सेवा
अटरू नगर के धर्मप्रेमी नागरिकों ने इस वर्ष नवरात्र से गोशाला प्रारम्भ की है, जिसमे 100 निशक्त गायों की सेवा की जा रही है। अटरू में पूज्य पं.प्रभूजी नगर की द्वितीय कथा का विराट आयोजन होने से इस गोशाला में कई भक्तों ने आर्थिक सहयोग किया है।

(Visited 261 times, 1 visits today)

Check Also

राजस्थानी मसाले औषधि गुणों से भरपूर, एक्सपोर्ट बढाने का अवसर – नागर

RAS रीजनल बिजनेस मीट-2024 : मसाला उद्योग से जुड़े कारोबारियो ने किया मंथन, सरकार को …

error: Content is protected !!