बाल संरक्षण आयोग ने कोचिंग संस्थानों व हाॅस्टल के हाल देखे
कोटा। राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य एसपी सिंह ने कहा कि कोचिंग संस्थान युवाओं के भविष्य को संवारने के लिए उनका बचपन नहीं छीने तथा तनाव मुक्त शैक्षणिक वातावरण प्रदान करने के लिए जिला प्रशासन एवं आयोग की गाइड लाइन की पालना सुनिश्चित करें।
बाल संरक्षण आयोग सदस्य एसपी सिंह, श्रीमती उमा रत्नू एवं डॉ. साधना सिंह ने शिशु गृह, हॉस्टल एवं कोचिंग संस्थानों के निरीक्षण संस्था प्रतिनिधियों की बैठक ली। सदस्य एस पी सिंह ने कहा कि कोचिंग संस्थान शिक्षा के बजाए व्यापारिक उद्देश्य के लिए चलाया जाना चिंताजनक है। ऐसे कोचिंग संस्थानों, होस्टलों के खिलाफ सख्त कदम उठाये जायेंगे। बच्चे देश का भविष्य होते है, इन्हें तनाव मुक्त एवं खुले माहौल में शिक्षा प्रदान करना हमारा कर्त्तव्य है।
कोटा के कुछ कोचिंग संस्थान शिक्षा के बजाये व्यवसायिक उद्देश्य के साथ संचालित करने से ना तो बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल पा रही है ना ही उनका बचपन सुरक्षित रह पा रहा है। उन्होंने बताया कि सीकर जिले में भी प्रतियोगी परिक्षाओं की अनेक कोचिंग संस्थान संचालित है जो आदर्श स्थिति में है, आयोग सम्पूर्ण प्रदेश में ऐसे संस्थानों को आइडियल के रूप में प्रस्तुत करेगा। उन्होंने कोटा में कोचिंग विद्यार्थियों द्वारा अनवरत आत्महत्या की प्रवृति को चिंताजनक बताते हुए कहा कि ऐसे सभी कोचिंग संस्थानों को तनाव मुक्त वातावरण के लिए पाबंद किया जाएगा तथा आयोग द्वारा बनाई गाइड लाइन की शक्ति से पालना कराई जाएगी।
आयोग सदस्यों ने बैठक में चिकित्सा विभाग से जिले में कुपोषित बच्चों की जानकारी लेकर उनके विकास एवं संरक्षण हेतु कार्य करने, शिक्षा विभाग को आरटीई के तहत विद्यालयों में बच्चों को दिये गये प्रवेश एवं विभाग द्वारा की गई कार्यवाही के बारे में जानकारी लेकर निजी विद्यालयों का निरीक्षण करने के निर्देश दिये गये। आयोग ने थानों में पुलिस बाल कल्याण अधिकारी के साथ सामाजिक कार्यकर्ता भी नियुक्त करने तथा बच्चों से संबंधित हैल्प लाइन नम्बर प्रदर्शित करने के निर्देश दिये।
आयोग सदस्यों ने मानव तस्करी यूनिट तथा बाल वाहिनियों के संबंध में भी बनाई गई गाईड लाईन की जानकारी देकर अधिकारियों को बाल संरक्षण एवं अधिकारों की रक्षा के लिए संवेदनशीलता से कार्य करने के निर्देश दिये।
युवा पीढ़ी का बचपन नहीं छीने कोचिंग संस्थान
एनआरएचएम के मिशन निदेशक नवीन जैन ने शहर के कोचिंग संस्थानों के संचालकों को नसीहत दी कि वे युवा पीढी का बचपन नहीं छीने। उन्हें शिक्षा के साथ संस्कार एवं सामाजिक उत्तरदायित्व के लिए भी तैयार करें। कोचिंग विद्यार्थियों की बढ़ती आत्महत्याओं पर चिंता जताते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि विद्यार्थियों का मानसिक तनाव कम करने के लिए कोचिंग संस्थानों में प्रशिक्षित काउन्सलरों की नियुक्ति की जाए तथा समय-समय पर प्रेरणादायक सेमिनार आयोजित कर बच्चों का डिप्रेशन दूर करने का प्रयास करें।
उन्होंने सुझाव दिया कि मेडिकल कॉलेज एवं कोचिंग संस्थानों के काउन्सलर की संयुक्त टीम बनाकर विद्यार्थियों के साइको टेस्ट के प्रश्नपत्र तैयार किए जाए। कोचिंग संस्थानों में प्रवेश देते समय विद्यार्थियों की मनोवैज्ञानिक जांच की जाए। बैठक में जिला कलक्टर रोहित गुप्ता ने कहा कि शैक्षणिक नगरी की पहचान शिक्षा के साथ सकारात्मक कार्यो में सक्रियता तथा नए रिकार्ड बनाने की रही हैं।
हाॅस्टल में कोचिंग विद्यार्थियों को अच्छा भोजन और सुरक्षा दें
जिला कलक्टर ने हॉस्टल संचालकों को गाइड लाइन लागू करने के निर्देश दिए
शिक्षा नगरी के हाॅस्टल में कोचिंग विद्यार्थियों द्वारा की जा रही आत्महत्याओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने हाॅस्टल संचालकों को गाइड लाइन की शर्तों का पालन करने के निर्देश दिए।
टैगोर हाल में हाॅस्टल एसोसिएशन तथा संचालकों की बैठक में जिला कलक्टर रोहित गुप्ता ने कहा कि
कोचिंग संस्थानों में पढ़ाई के लिए आने वाले बाहरी विद्यार्थियों को क्वालिटी फूड एवं आधारभूत सुविधाओ सहित सुरक्षा के आवश्यक इंतजाम किए जाएं। उन्होंने गाइड लाइन का जिक्र करते हुए सभी हॉस्टलों में सीसी टीवी कैमरे, विद्यार्थियों की नियमित उपस्थिति दर्ज करने एवं मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिये। बैठक में एसपी सिटी अशुमन भौमिया, एडीएम सुनीता डागा सहित कोटा हॉस्टल एसोसिएशन, चम्बल हॉस्टल एसोसिएशन एवं इलेक्ट्राॅनिक कॉम्पलेक्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि जो विद्यार्थी 24 घंटे तक हाॅस्टल से गायब रहे, उसकी लिखित सूचना तुरन्त संबंधित थाने को दें तथा अभिभावकों को सूचित करें। हॉस्टल एसोसिएशन की जवाबदेही है कि सभी संचालकों से गाइडलाइन की पालना करवाए तथा हर हफ्ते सूचना जिला कलक्टर एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय को भेजें। उन्होंने कहा कि ऐसे विद्यार्थी जिनका व्यवहार खराब है या वे हॉस्टल के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, उनकी सूचना परिजनों को देकर हॉस्टल से बाहर निकालने की कार्यवाही करें।
पुलिस अधीक्षक भौमिया ने कहा कि अच्छे कमरे व क्वालिटी फूड के साथ विद्यार्थियों पर निरन्तर निगरानी अवश्य रखें। उन्होंने सभी हॉस्टल में उपस्थित स्टाफ, गार्ड, वार्डन का पुलिस सत्यापन हर माह करवाने के निर्देश दिये। हॉस्टल में विद्यार्थियों के साथ स्टाफ का आचरण एवं व्यवहार अच्छा रहे, इस पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने चेताया कि हॉस्टलं के आसपास सभी गतिविधियों, ड्रग्स व आपत्तिजनक स्थितियों आदि पर भी निगरानी रखें।
एडीएम सुनीता डागा ने कहा कि हॉस्टल के आसपास सफाई रखें एवं गाइड लाइन का सख्ती से पालन करें। बैठक में हॉस्टल में उपस्थिति के लिए बनाई एक डिवाइस का डेमो दिया गया। कोटा हॉस्टल एसोसिएशन के नवीन मित्तल ने बताया कि इस मामले में कोचिंग संस्थान भी गंभीरता से काम लें। हॉस्टलों का रजिस्ट्रेशन भौतिक सत्यापन करने के बाद ही करें।