Thursday, 12 December, 2024

राजस्थान में 13 नवंबर को होगी गौ विज्ञान परीक्षा

सरसंघचालक डॉ मोहन राव भागवत ने किया पोस्टर विमोचन, 16 लाख से अधिक विद्यार्थी भाग लेंगे
न्यूजवेव@ बारां

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन राव भागवत ने रविवार को गौ विज्ञान अनुसंधान एवं सामान्य ज्ञान परीक्षा का पोस्टर विमोचन किया। यह परीक्षा 13 नवंबर 2024 को आयोजित होगी।
क्षेत्र गौसेवा गतिविधि प्रमुख राजेन्द्र पामेचा ने बताया कि इस परीक्षा का उद्देश्य गौ माता के प्रति छात्र-छात्राओं में सेवा और सुरक्षा का भाव जगाना है। गौ माता का पंचगव्य चिकित्सा और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। भारतीय गाय का अर्थ जिसके पीठ पर कूबड़ निकली हुई है, जिसे सूर्यकेतु नाडी कहते है, जिसके माध्यम से सूर्य की किरणे अन्दर जाती है इसीलिए दूध और घी में पीलापन आता है जो इम्युनिटी बूस्ट करता है। गाय में गलखम्ब लटका हुआ रहता है।
उन्होंने बताया कि इस परीक्षा के माध्यम से विद्यार्थियों को गौ माता के संरक्षण व संवर्धन के लिए गो उत्पाद पंचगव्य, गौ काष्ट आदि की व्यावसायिक एवं विज्ञान आधारित जानकारी मिलेगी। वर्ष 2011 से 8 बार इस परीक्षा का आयोजन हो चुका है।


संघ की गौ सेवा गतिविधि के विभिन्न आयामों के अंतर्गत गो चिकित्सा, गो आधारित कृषि एवं छत पर बागवानी, गो-उर्जा के अंतर्गत गोबर गेस से बिजली बनाना और बैल चालित ट्रेक्टर और जनरेटर को प्रोत्साहित किया जाता है। पंचगव्य से विभिन्न उत्पाद, पंचगव्य से मनुष्य चिकित्सा और उत्पादों गोघृत बाम , तक्रासव , अमृतधारा आदि के विपणन की संभावना पर समाज में जागरूकता प्रदान की जाती है। समाज में जागरूकता के लिए गो विज्ञान परीक्षा एवं गो कथा का आयोजन होता है। गो संरक्षण-संवर्धन के लिए स्वावलंबी सुरभि ग्राम, गोचर भूमि संरक्षण और गोशालाओ को दिशा एवं संभाल के लिए आयाम है। राजस्थान में बड़े प्रशिक्षण केंद्र जहां कृषक को गो संबंधित इन सभी आयामों की प्रशिक्षण व्यवस्था है, के संचालन में सहयोग करते है।
स्वस्थ बने रहने के लिये पीयें गाय का दूध


 भारतीय नस्ल की देसी गाय के दूध में 6 तरह के विटामिन, 7 प्रोटीन, 24 तरह के खनिज तत्व, 21 तरह के एमिनो एसिड, 29 तरह के नाइट्रोजन तत्व, 9 किण्वन, 6 फास्फोरस यौगिक, 2 शर्करा, स्मृतिवर्धक तत्व, रेडियोधर्मी नाशक, एमडीजे कैंसर निरोधक व केरोटीन होने से विज्ञान में भी इसे अमृततुल्य माना गया है। गौमूत्र में पोटेशियम, कैल्सियम, मैग्नीशियम, फ्लोराइड यूरिया, अमोनिया, लौह तत्व, सल्फर, फास्फोरस, स्वर्णबात लैम्टोज जल तत्व होने से यह कई असाध्य रोगों में लाभकारी है।

क्षेत्र गौसेवा गतिविधि प्रमुख राजेन्द्र पामेचा ने बताया कि राजस्थान में पिछले वर्ष 1236 किसानो ने गो आधारित कृषि प्रारम्भ की , गोबर द्वारा निर्मित दीपक द्वारा दीपावली मनाना कुल 473550 दीपक का निर्माण हुआ, 13224 गोमय गणपति का निर्माण हुआ एवं 40 स्थानों पर गो कथा में 23377 बंधु आये। गोपाष्टमी पर गो माता पूजन में 70874 बंधुओ ने भाग लिया। वर्तमान में 2023 कार्यकर्ता इस काम में जुटे है। आगामी माह में राजस्थान 72 इकाई में प्रशिक्षण दिया जायेगा।

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