नवनिर्माण-2022 : देश में नीति आयोग के बाद अब यूजीसी की जगह लेगा उच्च शिक्षा आयोग
न्यूजवेव @नईदिल्ली
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने देश की उच्च शिक्षा में बडे़ बदलाव की शुरूआत कर दी है। मंत्रालय यूजीसी को खत्म कर नए एजुकेशन सिस्टम को लागू करने की तैयारी में है। मानसून सत्र में केंद्र सरकार इस ड्रॉफ्ट को संसद में पेश कर सकती है।
इस मुद्दे पर मंत्रालय ने देश के शिक्षाविदों, शिक्षा से जुड़े पक्षकारों एवं नागरिकों से सुझाव मांगे हैं। मंत्रालय को सुझाव देने की सीमा 7 जुलाई 2018 रखी गई है।
याद दिला दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने उच्च शिक्षा क्षेत्र में बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था बनाने के लिए नियामक एजेंसियों में आमूलचूल सुधार की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की मुहिम शुरू कर दी है। इसी उद्देश्य से यूजीसी का नियामक ढांचा तैयार करने और यूजीसी अधिनियम के पुनर्गठन के लिये बजट में भी घोषणा की गई थी। भारत सरकार की स्वायत्त संस्था के रूप में यूजीसी की स्थापना 28 दिसंबर,1953 को हुई थी।
अब यूजीसी को बदलकर नया नियामक ‘उच्च शिक्षा कमीशन ऑफ इंडिया एक्ट-2018‘ बनाया जा रहा है। यूजीसी देश के सभी यूनिवर्सिटी व कॉलेजों को रेग्युलेट करने वाली सर्वोच्च संस्था है।
मंत्रालय ने इसका ड्रॉफ्ट भी तैयार कर लिया है। ड्रॉफ्ट के अनुसार देश का नया उच्च शिक्षा आयोग पूरी तरह अकादमिक मामलों पर ध्यान केंद्रित करेगा जबकि वित्तीय अधिकार मंत्रालय के अधीन होंगे।
एचएचआरडी मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सभी शिक्षाविदों, विद्यार्थियों, अभिभावकांे और आम नागरिकों से अपील की है कि वो इस ड्रॉफ्ट पर मंत्रालय की वेबसाइट पर 7 जुलाई,2018 तक टिप्पणी और सलाह दे सकते हैं।
फर्जी शिक्षा संस्थान बंद होंगे
पहली बार, नियामक के पास अकादमिक गुणवत्ता मानकों को लागू करने की शक्तियां होंगी। उसे फर्जी संस्थानों को बंद करने का आदेश देने का अधिकार भी होगा। ड्रॉफ्ट के अनुसार अनुपालन नहीं करने पर जुर्माना या जेल की सजा हो सकती है।
वर्तमान में, यूजीसी जनता को सूचित करने के लिए अपनी वेबसाइट पर फर्जी संस्थानों के नाम जारी करता है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं कर पाता है। इसे और प्रभावी बनाने के लिए आयोग का पुनर्गठन किया जा रहा है।
एमसीआई, सीबीएसई के बाद अब यूजीसी
मोदी सरकार ने पहले योजना आयोग को बदलकर नीति आयोग बनाया। जुलाई,2017 में केंद्र सरकार ने मेडिकल में एमसीआई के स्थान पर नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) को लागू कर दिया है। इसी तरह, 2019 में सभी प्रवेश परीक्षाओं को आयोजित करनेे के लिए सीबीएसई के स्थान पर नेशनल टेस्ट एजेंसी (एनटीए) गठित की गई है। अब यूजीसी के स्थान पर नई रेगुलेटरी बॉडी उच्च शिक्षा आयोग बनाने की अंतिम तैयारी की जा रही है।