Wednesday, 16 October, 2024

सांप गर्मी में ठंडक व चूहों के लिये घरों में घुसते हैं

फर्स्ट एड प्रशिक्षण कार्यक्रम में सर्पेन्टोलॉजी पर हुई वर्कशॉप
न्यूजवेव@ कोटा
रेडक्रॉस सोसायटी कोटा ब्रांच में चल रहे प्राथमिक मेडिकल ट्रेनिंग प्रोग्राम में 22 अप्रैल को सर्पेन्टोलॉजी पर वर्कशॉप हुई। सोसायटी के चेयरमेन राजेश कृष्ण बिरला एवं सचिव रिछपाल पारीक ने बताया कि वर्कशॉप में मुख्य वक्ता स्नेक्स एण्ड हयूमन वैलफेयर सोसायटी के प्रो. विनीत महोबिया ने सांपों के बारे में कई भ्रांतियों को दूर किया और सवालों के जवाब दिये।


सर्प विशेषज्ञ प्रो. विनीत महोबिया ने कहा कि किसी भी प्रजाति का सांप कभी दूध नहीं पीता है क्योंकि सर्प रैैप्टाइलस में आते है तथा अंडे देते हैं। सांप के पास न तो स्तन ग्रंथियां होती है और न ही दूध को पचाने की शक्ति होती है। सपेरे अक्सर बलपूर्वक सांप के मुंह को दूध के कटोरे में डाल देते हैं। लेकिन सांप दूध नहीं पीता है और यदि पी भी लेता है तो कुछ ही दिनों में सांप की मौत हो सकती है। सांप के कान भी नहीं होते सिर्फ वह जमीन में होने वाले कंपन को ही महसूस कर सकता है। कभी भी सांप बीन पर नहीं नाचता सिर्फ बीन को अपने लिये खतरा समक्षकर बीन की ओर फन फैला कर खड़ा हो जाता है।
ऐन्टीवीनम इन्जेक्शन ही उपचार
उन्होंने बताया कि सांप की अधिकतर प्रजातियां विषहीन होती है। फिर भी प्रतिवर्ष सैकडों लोगों की सिर्फ डर के कारण मौत हो जाती है। विषहीन सांपों के दंश से लोग घबरा जाते है और घबराहट में हार्टअटैक के कारण उनकी मृत्यु हो जाती है। ऐसी स्थिति में घबरायें नहीं और मरीज को संात्वना दें। सर्पदंश होने पर तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जायें। ऐन्टीवीनम इन्जेक्शन ही इसका एकमात्र उपचार है।
महोबिया ने बताया कि सांप गर्मियों की शुरूआत होते ही शीत समाधि को छोड़ बिलों से बाहर आना शुरू कर देते हैं। ठंडक एवं भोजन की तलाश में सर्प घरों का रूख करते हैं। जहां उनको आसानी से चूहे, छिपकली व मेढक मिल जाते हैं। सांप को दूर रखने के लिये घरों में हल्के कीटनाशक का प्रयोग करना चाहिये।
सांपों का पारिस्थितिक तंत्र में बहुत महत्व है। यदि पृथ्वी से सांप विलुप्त हो जायें तो पृथ्वी पर चूहों छुछदर व छिपकलियों की भरमार हो जायेगी। पूरे देश में प्रतिदिन चूहे 4 लाख व्यक्तियों का भोजन चट कर जाते है। यदि सांप नहीं होगे तो मनुष्य को अनाज उपलब्ध नहीं हो पायेगा। बीकानेर स्थित करणी माता जो कि चूहों के बाहुल्यता के लिये प्रसिद्ध है। सांप की अनुपस्थिति में हमारे घरों में भी यही नजारा देखने को मिलेगा। कार्यक्रम में रूपचंद्र शर्मा पुष्पा नायडू एवं अभिषेक सिंह चौहान आदि उपस्थित रहे।

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