न्यूजवेव @ कोटा
महज साढे़ 15 वर्ष की उम्र में शिवम केवीपीवाय फैलोशिप में चयनित हुआ है। इस वर्ष सीबीएसई 12वी बोर्ड के बाद उसने जेईई-मेन का पेपर दिया। इन दिनों वह जेईई-एडवांस्ड की अंतिम तैयारी में जुटा है।पिता सिद्धनाथ सिंह बिहार में भोजपुर जिले में छोटे से गांव बखोरापुर में खेती करते हैं। उन्होंने बताया कि गंगा किनारे गांव होने से बाढ़ के कारण फसल नहीं हो पाती है, जिससे घर चलाना मुश्किल होता है। गांव में स्कूल नहीं होने से उन्होंने दोनो बच्चों सत्यम व शिवम को एक रिश्तेदार के साथ आगे की पढ़ाई के लिए कोटा भेज दिया था।
दोनों बच्चे बचपन से पढ़ाई में अच्छे हैं। उनके चाचा ने स्कूल व कोचिंग के लिए रेजोनेंस में निदेशक श्री आरके वर्मा से मदद मांगी तो उन्होंने दोनों बच्चों की 12वीं तक पढाने और कोचिंग देने की जिम्मेदारी स्वयं ले ली। परिवार की गरीबी देखकर दोनों बच्चों ने छोटी उम्र में ही आईआईटी में जाने का निश्चय कर लिया।
सत्यम कारनेगी मेलन यूनिवर्सिटी से एमएस करेगा
सत्यम ने देश में सबसे कम उम्र 13वर्ष में 12वीं पास करके जेईई-एडवांस्ड क्रेेक की थी। उसने आईआईटी,कानपुर में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ड्यूल डिग्री में एडमिशन लिया, जहां इस वर्ष वह फाइनल ईयर में है। रिसर्च में रूचि रखने वाले सत्यम ने बताया कि कहीं जाॅब ज्वाॅइन करने की बजाय वह यूएसए में कारनेगी मेलन यूनिवर्सिटी से बायो मेडिकल में एमएस करेगा, जिसके लिए उसे आॅफर लेटर मिल चुका है।
उसे देख होनहार छोटे भाई शिवम नें भी मेहनत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। रेजोनेंस में टेस्ट देते हुए वह टाॅप-20 में रहा। कक्षा-7 से ही रेजोनेंस के निदेशक आरके वर्मा उसे स्कूल व कोचिंग में निशुल्क पढ़ा रहे हैं। इस वर्ष वह शीर्ष रैंक से अच्छी आईआईटी में जाने का लक्ष्य लेकर पढाई कर रहा है।