मिसाल – राज्य में रक्तदाता प्रदीप व किरण ने की पहली अनूठी शादी, जिसमें कन्यादान से पहले किया रक्तदान।
कोटा। राज्य में संभवतः पहला ऐसा विवाह हुआ जिसमें वर-वधू ने विवाह-बंधन में बंधने से पहले बारातियों, रिश्तेदारों एवं परिचितों के साथ रक्तदान कर सेवा का नया अध्याय रच दिया। झालावाड़ जिले में रक्तदाता समूह से जुडे युवा सदस्य प्रदीप राठौर ने वधू डूंगरगांव की किरण राठौर के साथ मिलकर संयुक्त रक्तदान किया। उसके बाद रात्रि में पाणिग्रहण समारोह में फेरे लिए। एमए बीएड शिक्षित प्रदीप ने बताया कि रिश्ता तय होने के बाद दोनों ने निश्चय किया था कि शादी में किसी जरूरतमंद को जीवनदान देने जैसा पुण्यकार्य अवश्य करेंगे वह इच्छा पूरी होने से बहुत खुशी मिली। बीए पास वधू किरण ने पहली बार रक्तदान कर दाम्पत्य जीवन का श्रीगणेश किया।
आरटीएम से रिटायर्ड पिता कामरेड श्यामलाल राठौर ने बताया कि बेटे के विवाहोत्सव में सेठ सीताराम धर्मशाला में लगभग 3 हजार लोगों का सामूहिक भोज हुआ। उसके पश्चात् रक्तदाता समूह द्वारा रक्तदान शिविर में बारातियों, रिश्तेदारों व ईष्टमित्रों सहित सभी मेहमानों ने स्वैच्छिक रक्तदान कर विवाह समारोह को एतिहासिक बनाया। परिवार में चार भाई-बहनों में सबसे छोटे प्रदीप ने एक वर्ष में 10 बार बी-पॉजिटिव रक्तदान किया। झालावाड़ जिले में 6 माह पूर्व डेंगू प्रकोप के दौरान वे सबसे पहले एसडीपी रक्त देने वाले डोनर बने। मां चंद्रकांता ने वर-वधू को इस नेक पहल के लिए आशीर्वाद दिया।
वधू किरण के पिता सुरेश राठौर टेंट हाउस के साथ खेती भी करते हैं। उन्होंने बताया कि जीवन में पहली बार विवाह के दिन कन्यादान से पहले हमने बेटी को रक्तदान करते हुए देखा। हमें गर्व है कि दोनों विवाह बंधन के शुभ मुहुर्त में परोपकार का मंगलकार्य किया। रक्तदाता समूह के कॉर्डिनेटर जय गुप्ता ने बताया कि समूह के सभी रक्तवीरों में परिवार जैसा उत्साह है। पूरे राज्य से समूह के युवा सदस्यों ने इस प्रेरक कार्य में रक्तदान की आहूति दी। उन्होंने सामूहिक रक्तदान कर दिल से इस जोड़ी को दीर्घायु होने की बधाई दी।