Tuesday, 23 April, 2024

आईआईटी में सर्वाधिक 52.89 प्रतिशत विद्यार्थी कोचिंग से चयनित

विशेष: आईआईटी कानपुर ने जारी की जेईई-एडवांस्ड,2018 की विश्लेषण रिपोर्ट
अरविंद
न्यूजवेव @ कोटा
जेईई-एडवांस्ड,2018 परीक्षा से 11,961 विद्यार्थियों को देश की 23 आईआईटी में दाखिला मिला था। आईआईटी कानपुर द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, जेईई-मेन,2018 में कुल 2,31,024 परीक्षार्थी जेईई-एडवांस्ड के लिये क्वालिफाई घोषित किये गये थे, जिसमें से 31,988 चयनित हुए। सफल परीक्षार्थियों में सर्वाधिक 6326 (52.89 प्रतिशत) विभिन्न कोचिंग संस्थानों से कोचिंग लेकर निकले, जबकि 5183 (43.33 प्रतिशत) विद्यार्थी सेल्फ स्टडी से चयनित हुए थे। इसके अतिरिक्त 103 विद्यार्थी ट्यूशन, 134 विद्यार्थी डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम से तथा 214 अन्य सफल रहे।
55.18 प्रतिशत विद्यार्थी CBSE स्कूलों से
रिपोर्ट के अनुसार, जेईई-एडवांस्ड,2018 में चयनित 77.33 प्रतिशत विद्यार्थी शहरों से, 12.49 प्रतिशत कस्बों तथा 10.17 प्रतिशत ग्रामीण विद्यार्थियों ने विभिन्न आईआईटी में दाखिला लिया। इनमें से सर्वाधिक 55.18 प्रतिशत विद्यार्थी सीबीएसई स्कूलों में पढकर आईआईटी में चयनित हुयेे़। जबकि राजस्थान बोर्ड से 6.23 प्रतिशत, आंध्रप्रदेश बोर्ड से 8.23 प्रतिशत तथा महाराष्ट्र बोर्ड में 7.13 प्रतिशत विद्यार्थी आईआईटी में पहुंचे हैं।
16 प्रतिशत गरीब विद्यार्थी आईआईटी में
आर्थिक आधार पर आंकडें देखें तो 1 लाख रू. तक की वार्षिक आय वाले परिवार के 1934 (16.17 प्रतिशत) गरीब विद्यार्थी, 2 से 5 लाख तक की आय वाले 6 से 7 प्रतिशत मध्यमवर्गीय तथा 8 लाख से अधिक आय वाले सर्वाधिक 2710 (22.66 प्रतिशत) विद्यार्थी अपने सपने सच करने में सफल रहे।
277 बच्चों के पिता अनपढ़
देश में 277 (2.32 प्रतिशत) ग्रामीण व निरक्षर माता-पिता के बच्चे वर्ष 2018 में आईआईटी में पहुंचे हैं। जबकि 1446 (12 प्रतिशत) विद्यार्थियों के पिता दसवीं पास थे। सर्वाधिक 4812 (40.23 प्रतिशत) बच्चों के पिता स्नातक शिक्षित थे, जबकि 3290 (27.51 प्रतिशत) विद्यार्थियों के पिता पोस्ट ग्रेजुएट रहे।
इंजीनियरों से आगे हैं किसानों के बच्चे
आईआईटी रिपोर्ट का विश्लेषण देखें तो वर्ष 2018 में आईआईटी में दाखिला लेने वाले 26.77 प्रतिशत विद्यार्थियों के पिता सरकारी सेवारत हैं। जबकि 11.60 प्रतिशत विद्यार्थियों के पिता प्राइवेट सर्विस कर रहे हैं। खास बात यह कि 8.21 प्रतिशत किसानों ने मेहनत की कमाई से बच्चों को आईआईटी तक पहुंचा दिया। जबकि मात्र 4.61 प्रतिशत इंजीनयर्स ही अपने बच्चों को आईआईटी में प्रवेश दिला सकेे। 15.25 प्रतिशत विद्यार्थियों के पिता व्यापारी हैं। इसी तरह, 5.12 प्रतिशत शिक्षकों के बच्चे ही आईआईटी प्रवेश परीक्षा में चयनित हुए हैं।

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