– 12 जुलाई को मद्रास हाईकोर्ट ने लगाई थी रोक
– 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले को रोका
– 20 जुलाई को ही बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बैंच ने लगा दी अस्थाई रोक
न्यूजवेव @कोटा
देश की सबसे बडी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी,2018 की काउंसलिंग प्रक्रिया कानूनी दांवपेच में उलझ रही है। 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट द्वारा 24,720 तमिल परीक्षार्थियों को 196 अनुग्रह अंक देने के फैसले को रोका तो देश के हजारों चयनित विद्यार्थियों ने राहत की सांस ली। 9 दिन बाद सभी को उम्मीद थी कि 15 प्रतिशत सीटों के लिए सेंट्रल ऑनलाइन काउंसलिंग जल्द शुरू हो जाएगी और मेडिकल कालेज में दाखिला लेने का उनका सपना पूरा हो जाएगा।
लेकिन काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू होने से पहले 20 जुलाई को ही इस मामले में हाईकोर्ट बॉम्बे की नागपुर बैंच ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एमबीबीएस व बीडीएस कोर्सेस में ESIC (85 प्रतिशत कोटा) पर अस्थायी रोक लगाने के आदेश दे दिए।
जिससे मेडिकल काउंसलिंग कमेटी ने ऑनलाइन काउंसलिंग प्रक्रिया पर अस्थाई रोक लगाने का नोटिस जारी कर दिया।
कॅरिअर पॉइंट के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट देव शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने न्यायोचित फैसला देकर देश के हजारों परीक्षार्थियों को मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने की राह दिखाई थी। लेकिन हाईकोर्ट की नागपुर बैंच में फिर इसमें नया मोड़ दे दिया। नीट-यूजी में क्वालिफाई स्टूडेंट्स काउंसलिंग में निरंतर आ रही बाधाओं से चिंतित हैं।