एम्स एवं जिपमेर जैसी परीक्षाएं अलग से नहीं होंगी। हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों को मिली राहत
न्यूजवेव @ नईदिल्ली/कोटा
देश में मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे 15 लाख से अधिक विद्यार्थियों के लिये एकल प्रवेश परीक्षा नीट-2020 नये पैटर्न की सौगात लेकर आ रही है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा पहली बार सभी मेडिकल संस्थानों की एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश के लिये एक समान ऑफलाइन प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी। एम्स तथा जिपमेर जैसी प्रमुख ऑनलाइन प्रवेश परीक्षाओं को समाप्त कर अब नीट-2020 की वरीयता सूची से प्रवेश दिये जायेंगे।
एनटीए द्वारा किये गये नये प्रयोग से हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों में खुशी की लहर है क्योंकि एम्स व जिपमेर में अंग्रेजी की अनिवार्यता के कारण वे पिछड़ जाते थे। नीट परीक्षा हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू एवं अन्य क्षेत्रीय भाषाओं सहित कुल 11 भाषाओं में आयोजित होती है।
कॅरियर पॉइंट के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट देव शर्मा ने बताया कि वर्ष 2019 तक देश के प्रतिष्ठित 15 एम्स संस्थानों की 1205 एमबीबीएस सीटों में प्रवेश के लिए एम्स-एमबीबीएस तथा पुडुचेरी एवं कराईकल की 200 सीटों पर प्रवेश के लिए जिपमेर-एमबीबीएस प्रवेश परीक्षाएं होती थी। लेकिन अब इन 1405 सीटों पर भी नीट-2020 से ही प्रवेश दिये जायेंगे। इससे परीक्षाार्थियों को तीन अलग-अलग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी व आवेदन फॉर्म भरने की परेशानियों से निजात मिलेगी।
ओबीसी वर्ग की पात्रता शर्तों में असमंजस
नीट-2020 में हुये नये संशोधन से ओबीसी केटेगरी के विद्यार्थियों में असमंजस की स्थिति है। क्योंकि नीट-2019 में कुल 14.10 लाख परीक्षार्थियों में से 6 लाख से अधिक ओबीसी केटेगरी से थे। अब तक नीट के लिसे ओबीसी श्रेणी में मात्र 40 प्रतिशत अंक अनिवार्य थे जबकि एम्स के लिये 60 प्रतिशत अंक अनिवार्य थे। नीट-2020 में ओबीसी केटेगरी की पात्रता का प्रतिशत कितना रहेगा, इस पर असमंजस बना हुआ है।
नीट-2020 का पेपर पैटर्न कैसा होगा
शिक्षाविदों एवं विद्यार्थीयों में नीट-2020 में नये पेपर पैटर्न को लेकर कई तरह के कयास लगाये जा रहे हैं। सबसे कठिन एम्स व जिपमेर को नीट के साथ मिला देने से एम्स संस्थानों की इंटरनेशनल रैंकिग भी प्रभावित हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि एम्स तथा जिपमेर परीक्षाओं के प्रश्नों में विविधता होती है। वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के साथ-साथ,असर्शन-रीजन के प्रश्न भी पूछे जातें है। फिजिक्स केमिस्ट्री एवं बायोलॉजी विषय पर समान प्रश्न पूछे जाते हैं। तार्किक क्षमता के आंकलन हेतु तार्किक एवं बौद्धिक शक्ति पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं। इसलिये संभवतः नीट-2020 में वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के साथ असर्शन-रीजन के प्रश्नों को शामिल किया जा सकता है। बौद्धिक योग्यता एवं सामान्य ज्ञान के प्रश्न भी शामिल किए जा सकते हैं। हां, यह जरूर है कि जिपमेर की भांति अंग्रेजी के प्रश्न शामिल नहीं किए जाएंगे।
अब मेडिकल में भी होगी एकल प्रवेश परीक्षा नीट-2020
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